लखनऊ. लोकसभा चुनाव 2024 से पहले BJP के खिलाफ विपक्षी दल एक होते जा रहे हैं. इसी के मद्देनज़र उत्तर प्रदेश की सियासत में भी बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं. कहा जा रहा है एक बार फिर से समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी एक साथ आ सकते हैं.
मीडिया रिपोर्ट की माने तो अखिलेश यादव ने इस गठबंधन को लेकर जल्द ही कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं. सपा के राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए गुरुवार को उन्होंने जो कहा उससे तो यही कयास लगाए जा रहे हैं. दरअसल, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान एक बार भी मायावती पर हमला नहीं बोला. इसके अलावा उन्होंने लोहियावादियों और आंबेडकरवादियों को साथ लेकर चलने की भी बात कही.
अंबेडकरवादियों को साथ लेकर चलने की बात को मायावती संग एक बार फिर से गठबंधन के संकेत के तौर पर भी देखा जा रहा है. अखिलेश यादव ने इससे पहले बुधवार को भी बीएसपी या फिर मायावती पर कोई टिप्पणी नहीं की थी. बता दें कि 2019 के आम चुनाव में सपा और बसपा ने गठबंधन किया था. दोनों को 15 सीटों पर जीत मिली थी, लेकिन अकेले बसपा के खाते में ही 10 सीटें थीं और सपा के हाथ में 5 सीट जीती थी.