भोपाल। भोपाल के बहुप्रतिष्ठित माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय (एमसीयू) प्रशासन ने दो अतिथि शिक्षकों पर जातिवादी टिप्पणी का आरोप लगाकर विरोध करने वाले 23 छात्र-छात्राओं को निष्कासित कर दिया है। विश्वविद्यालय की अनुशासन समिति ने जांच में इन सभी छात्र-छात्राओं को अनुशासनहीनता का दोषी पाया है।
कुलपति दीपक तिवारी ने इस मामले में कहा कि 10 सदस्यों की कमेटी ने पूरे मामले की जांच की है। उन्होंने यह भी कहा कि वे रजिस्ट्रार से चर्चा करेंगे। हालांकि वह सीधे तौर पर निष्कासित छात्र-छात्राओं के बारे में कुछ भी कहने से बचते दिखे। विश्वविद्याल के अतिथि शिक्षक दिलीप मंडल और मुकेश कुमार विश्वविद्यालय में पढ़ाएंगे कि नहीं इस पर अभी तक कमेटी ने कोई फैसला नहीं लिया है।
अनुशासन समिति ने अनुशासनहीनता का दोषी पाए गए छात्र-छात्राओं को अपना पक्ष रखने का मौका तक नहीं दिया है। खास बात यह है कि निष्कासन अवधि के दौरान ये छात्र-छात्राएं सभी कक्षाओं, प्रायोगिक परीक्षा व 23 दिसंबर से शुरू होने वाली सैद्धांतिक परीक्षाओं में भी शामिल नहीं हो सकेंगे।
ये छात्र-छात्राएं निष्कासित
विवि प्रशासन ने पत्रकारिता विभाग से सौरभ कुमार, प्रखरादित्य, राघवेंद्र, विवेक, शुभम, अंकित कुमार, आकाश, रजनीश, अनूप, विपिन और विधि को, मीडिया प्रबंधन विभाग से आशुतोष, राहुल, नीतिषा को, इलेक्ट्रानिक मीडिया विभाग से अभिलाष, अर्पित, रवि भूषण, अंकित, अर्पित, सुरेंद्र, प्रतीक, रवि को, विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग से मोनिका को निष्कासित किया है।