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Chaitra Navratri 2020 Day 6 : मां कात्यायनी को फलदायिनी माना जाता है, चैत्र नवरात्रि के छठे दिन करें मां की पूजा

चैत्र नवरात्रि  का हर दिन मां दुर्गा के विभिन्न 9 स्वरूपों में से किसी न किसी एक रूप से संबंध रखता है। 22 मार्च से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो गई है।

By अनूप कुमार 
Updated Date

Chaitra Navratri 2020 Day 6 : चैत्र नवरात्रि  का हर दिन मां दुर्गा के विभिन्न 9 स्वरूपों में से किसी न किसी एक रूप से संबंध रखता है। 22 मार्च से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो गई है। हिंदू पंचांग के अनुसार आज चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है और नवरात्रि का छठा दिन है। नवरात्रि के 6वें मां दुर्गा के कात्यायनी स्वरूप का विधि-विधान से पूजन किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सभी नौ देवियों में मां कात्यायनी (Katyayani) को सबसे फलदायिनी माना गया है। इनकी पूजा से अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष चारों फलों की प्राप्ति होती है. आइए जानते हैं मां कात्यायनी की पूजन विधि।

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ऐसे करें पूजा
मां कात्यायनी की पूजन के लिए माता की प्रतिमा को शुद्ध जल व गंगाजल से स्नान कराएं।  फिर उन्हें पीले रंग के वस्त्र पहने और पीले रंग के फूल अर्पित करें। माता को रोली व सिंदूर का तिलक लगाएं और पांच प्रकार के फल व मिष्ठान का भोग लगाएं। मां कात्यायनी को  मां कात्यायनी को पीले रंग से बनी चीजों का ही भोग लगाना चाहिए क्योंकि पीला रंग मां को अति प्रिय है।

मां कात्यायनी अमोघ फलदायिनी (Katyayani is infallible and fruitful) हैं,इनका स्वरूप अत्यंत ही भव्य और दिव्य है। इनका वर्ण स्वर्ण के समान चमकीला और भास्वर है। शेर पर सवार मां की चार भुजाएं हैं, इनके बायें हाथ में कमल और तलवार व दाहिने हाथों में स्वास्तिक व आशीर्वाद की मुद्रा अंकित है। भगवान कृष्ण को पाने के लिए ब्रज की गोपियों ने इन्हीं की पूजा कालिंदी नदी के तट पर की थी।ये ब्रज मंडल की अधिष्ठात्री देवी के रूप में प्रतिष्ठित हैं।

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