Chandra Grahan 2022 : हिंदू धर्म में ग्रहण को अशुभ घटना माना जाता है। जिसका मनुष्य के अलावा पृथ्वी पर मौजूद सभी जीव-जंतु पर नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलता है। बता दें कि आगामी 8 नवंबर 2022 दिन मंगलवार को साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण लग रहा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण काल में बहुत से काम करना वर्जित होता है।
Chandra Grahan 2022 : हिंदू धर्म में ग्रहण को अशुभ घटना माना जाता है। जिसका मनुष्य के अलावा पृथ्वी पर मौजूद सभी जीव-जंतु पर नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलता है। बता दें कि आगामी 8 नवंबर 2022 दिन मंगलवार को साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण लग रहा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण काल में बहुत से काम करना वर्जित होता है। जैसे ग्रहण काल में सोना नहीं चाहिए, भगवान को स्पर्श न करें, भोजन ग्रहण न करें, गर्भवती महिलाएं बाहर न निकलें साथ ही चाकू, कैंची का उपयोग न करें आदि। ज्योतिषी व पंडित गोरखनाथ मिश्र बता रहे हैं ग्रहण के बाद यज्ञ करने के फायदे।
ग्रहण के बाद हवन के फायदे
ग्रहण काल में या ग्रहण के बाद जो व्यक्ति हवन करता है तो उसे पुण्य फल की प्राप्ति होती है। यह यज्ञ आमतौर पर किए जाने वाले यज्ञों से लाख गुना अधिक फलदाई होता है। इस बात का उल्लेख महर्षि वेदव्यास द्वारा लिखित ग्रंथों में मिलता है।
हवन करने से घर का वातावरण शुद्ध होता है. ग्रहण काल में वातावरण में फैली नकारात्मक ऊर्जा हवन करने से नष्ट होती है। हवन से निर्मित दैवीय ऊर्जा घर में सुख समृद्धि लेकर आती है। जिसका सभी पर सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलता है।
ग्रहण काल में या ग्रहण के पश्चात किये जाने वाले यज्ञ से अस्वस्थ्य व्यक्ति को स्वास्थ लाभ मिलता है। व्यापार में आर्थिक लाभ होता है। आर्थिक तंगी दूर होती है। नि: संतान दंपत्ति को संतान प्राप्ति के योग बन सकते हैं।
ग्रहण मे यज्ञ करने से विवाह में आ रही देरी दूर होती है।वैवाहिक जीवन में आ रही समस्याएं दूर होती हैं। इसके अलावा आपके शत्रु पराजित होते हैं।
ग्रहण के दौरान किए गए यज्ञ से मनुष्य के जीवन में आ रही समस्याएं दूर होती हैं। सुख-समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। आपके कष्टों को हवन जला कर राख कर देता है।