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कोरोना का बदलता स्वरूप बड़ी चुनौती, एक लाख फ्रंटलाइन वारियर्स किए जाएंगे तैयार: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शुक्रवार को स्किल इंडिया के तहत कोविड-19 फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए छह कस्टमाइज्ड क्रैश कोर्स प्रोग्राम लॉन्च किया है। ये कोर्स देश के 26 राज्यों के 111 ट्रेनिंग सेंटरों से कोविड-19 हेल्थकेयर फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए विशेष रूप से तैयार किया जाएगा। इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि हम देश में 1 लाख फ्रंटलाइन वर्कर तैयार करने की दिशा में काम कर रहे हैं। कोराना अभी भी हमारे बीच मौजूद है।

By संतोष सिंह 
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शुक्रवार को स्किल इंडिया के तहत कोविड-19 फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए छह कस्टमाइज्ड क्रैश कोर्स प्रोग्राम लॉन्च किया है। ये कोर्स देश के 26 राज्यों के 111 ट्रेनिंग सेंटरों से कोविड-19 हेल्थकेयर फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए विशेष रूप से तैयार किया जाएगा। इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि हम देश में 1 लाख फ्रंटलाइन वर्कर तैयार करने की दिशा में काम कर रहे हैं। कोराना अभी भी हमारे बीच मौजूद है।

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पीएम मोदी ने कहा कि हर सावधानी के साथ और आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए हमें देश की तैयारियों को और बढ़ाना होगा। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज देश में करीब 1 लाख फ्रंट लाइन कोरोना वॉरियर्स तैयार करने का महाअभियान शुरु हो रहा है, कोरोना की दूसरी लहर में हम लोगों ने देखा कि इस वायरस का बार बार बदलता स्वरूप किस तरह की चुनौतियां हमारे सामने ला सकता है। ये वायरस हमारे बीच अभी भी है और इसके म्यूटेड होने की संभावना भी बनी हुई है।

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इस मौके पर उन्‍होंने कहा कि 21 जून से और बड़े स्तर पर टीकाकरण अभियान शुरू हो रहा है। इसके लिए गाइडलाइन जारी की गई है। सरकार हर देशवासी को मुफ्त टीका लगाने के लिए प्रतिबद्ध है हमें हर तरीके से कोरोना प्रोटोकाल का पालन करना होगा।

पीएम ने कहा कि कोरोना की दूसरी वेब में हमने देखा कि कोरोना वायरस का बार बार बदलता स्‍वरूप हमारे सामने किस तरह की चुनौती सामने ला सकता है। यह वायरस हमारे बीच अभी भी है और इसके म्‍यूटेट होने की आशंका है, इसलिए हर इलाज और हर संभावना के साथ हमें अपनी तैयारियों को और ज्‍यादा बढ़ाना होगा। इस महामारी ने दुनिया को हर देश, संस्‍था, समाज, परिवार, इंसान के सामर्थ को, उसकी सीमा को बार बार परखा है। इस महामारी ने हमें अपनी क्षमताओं का विस्‍तार करने के लिए सतर्क भी किया है।

पीएम मोदी ने कहा कि आज देश के दूर-सुदूर के क्षेत्रों में अस्‍पतालों में पीपीई किट, ऑक्‍सीजन कंसनट्रेटर्स पहुंचाने का काम तेजी से किया जा रहा है। डेढ़ हजार से ज्‍यादा ऑक्सीजन प्‍लांट बनाने का काम युद्ध स्‍तर जारी है, हिंदुस्‍तान के हर जिले तक पहुंचने का एक भगीरथ प्रयास किया जा रहा है। इस प्रयास के बीच स्किल्‍ड मेनपावर का पूल होना। इसमें नए लोगों का जुड़ते रहना भी जरूरी है। इसीलिए एक लाख से अधिक लोगों को ट्रेंड करने का लक्ष्‍य रखा गया है। यह कोर्स दो-तीन महीने में ही पूरा हो जाएगा। इसलिए ये लोग तुरंत काम के लिए उपलब्‍ध हो जाएंगेऔर एक ट्रेंड सहायक के रूप में वर्तमान व्‍यवस्‍था को सहायता देंगे।

हेल्‍थ सेक्‍टर के लोगों ने कोरोना से निपटने के लिए अपनी स्किल को अपग्रेड या वेल्‍यूएड किया है और समय की यही मांग है। जिस तरह से तकनीक जीवन के हर क्षेत्र में प्रवेश कर रही है। हमें अपने को लगातार अपडेट करते रहने की जरूरत है। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोरोना महामारी ने साइंस, सरकार, समाज, संस्था और व्यक्ति के रूप में हमें अपनी क्षमताओं का विस्तार करने के लिए सतर्क भी किया है। पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना से लड़ रही वर्तमान फोर्स को सपोर्ट करने के लिए देश में करीब 1 लाख युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है, ये कोर्स 2-3 महीने में ही पूरा हो जाएगा।

क्या है प्रोग्राम का उद्देश्य?

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इस प्रोग्राम का उद्देश्य देशभर में एक लाख से अधिक कोविड योद्धाओं को कौशल से लैस करना और उन्हें कुछ नया सिखाना है। कोविड योद्धाओं को होम केयर सपोर्ट, बेसिक केयर सपोर्ट, एडवांस्ड केयर सपोर्ट, इमरजेंसी केयर सपोर्ट, सैंपल कलेक्शन सपोर्ट और मेडिकल इक्विपमेंट सपोर्ट जैसे छह कार्यों से जुड़ी विशिष्ट भूमिकाओं के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा।

गैर-चिकित्सा स्वास्थ्यकर्मियों को तैयार करेगा प्रोग्राम

इस प्रोग्राम को 276 करोड़ रूपए के कुल वित्तीय परिव्यय के साथ प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 3.0 के केन्द्रीय घटक के तहत एक विशेष कार्यक्रम के रूप में तैयार किया गया है। यह प्रोग्राम स्वास्थ्य के क्षेत्र में श्रमशक्ति की वर्तमान और भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए कुशल गैर-चिकित्सा स्वास्थ्यकर्मियों को तैयार करेगा।

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