नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ का दंतेवाड़ा जिला नक्सलियों का गढ़ माना जाता है। अब नक्सलियों ने वहां एक सड़क को 16 जगहों से काट कर क्षतिग्रस्त कर दिया गया है। सरकार ने अरनपुर से पोटाली को जोड़ने वाली इस सड़क के निर्माण पर करीब छह करोड़ रुपये खर्च किए थे। सड़क कटने के बाद अब हालत ऐसी है कि गांव में एंबुलेंस पहुंचने का भी रास्ता बंद हो गया है।
सीआरपीएफ के अनुसार, सड़क को क्षतिग्रस्त करना, यह नक्सलियों की बढ़ती हुई हताशा को दर्शाता है। इस इलाके में सीआरपीएफ की 111 बटालियन और छत्तीसगढ़ पुलिस की एंटी नक्सल यूनिट यानी डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड ‘डीआरजी’ तैनात है। बताया जाता है कि सड़क को काटने के लिए 150 से ज्यादा नक्सली पोटाली गांव में पहुंचे थे। उन्होंने आईईडी ब्लास्ट लगाकर सड़क को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया।
अरनपुर से पोटाली को जोड़ने वाली इस सड़क पर 13 साल बाद वाहनों की आवाजाही शुरू हुई थी। साल 2007 में नक्सलियों ने यहां बड़ा धावा बोलकर इस सड़क को 40 जगहों से खोद दिया था। इस काम के लिए आईईडी ब्लास्ट की मदद ली गई। सीआरपीएफ के एक अधिकारी ने बताया कि नक्सली इस क्षेत्र पर अपनी पकड़ बनाए रखना चाहते हैं। उन्हें मालूम है कि यहां पर हो रहे विकास कार्यों से उनकी विदाई हो जाएगी। इसलिए वे आए दिन ऐसी हरकत करते रहते हैं।
नक्सलियों का मकसद है कि यहां पर कोई भी विकास कार्य न हो। पोटाली गांव के निकट पुलिस कैंप भी स्थापित किया गया है। अब यहां पर सड़क भी चालू हो गई थी। इससे आदिवासियों का जीवन बदलने लगा था। गांव में नए काम धंधे भी शुरू हो रहे थे। स्वास्थ्य एवं दूसरी मूलभूत सेवाएं भी लोगों तक पहुंचने लगी थीं। अब नक्सलियों ने एक बार फिर उसी सड़क को काट डाला है।
इसके चलते अब दोबारा से अरनपुर, पोटाली, बुरगुम, ककाड़ी, नहाड़ी और सुकमा जिले के गोंडेरास गांव तक का सफर लोगों को पैदल ही तय करना पड़ेगा। साथ ही कई गांव अब देश दुनिया से कट जाएंगे। सड़क के काटे जाने की वजह से अब कोई भी सरकारी सुविधा इन गांवों तक नहीं पहुंच सकेगी। बरसात के मौसम में तो यहां के लोगों को अनेक परेशानियों का सामना करना होगा। सुरक्षा बलों के अनुसार, पिछले दिनों मुठभेड़ में नक्सलियों के कई टॉप लीडर मारे गए हैं। इसी वजह से नक्सली बौखलाए हुए हैं।