नई दिल्ली। भारत से सटे तिब्बत में हल्के युद्धक टैंकों के बाद चीन ने अब यहां होवित्जर तोपों को भी तैनात कर दिया है। चीन के आधिकारिक मीडिया ने मंगलवार को बताया कि सीमा पर सैन्य क्षमता को बढ़ाने के लिए मोबाइल होवित्जरतोपों की तैनाती की गई है।
अखबार ने सेना के हवाले से लिखा है कि इन हल्के टैंकों का इस्तेमाल 2017 में डोकलाम में भारतीय सेना के साथ हुए आमना-सामना के दौरान अर्टिलेरी ब्रिगेड में इस्तेमाल किया गया था। चीन के रक्षा विशेषज्ञ ने अखबार को बताया कि होवित्जर्स की क्षमता 50 किलोमीटर तक मार करने की है जो लेजर और सैटलाइट गाइडेड है। इन तोपों को पहाड़ों में अच्छे से इस्तेमाल किया जा सकता है।
चीनी सेना के जानकारों के हवाले से दी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि इन PLC-181 मोबाइल होवित्जर तोपों को वीकल पर ले जाया जा सकेगा। रिपोर्ट के मुताबिक शनिवार को पीएलए ने अपने वीचैट अकाउंट पर इस बात की जानकारी दी। रिपोर्ट के मुताबिक 2017 में डोकलाम में भारत और चीन के बीच हुए गतिरोध के दौरान भी इन्हें तिब्बत में इस्तेमाल किया गया था।
मिलिट्री एक्सपर्ट सॉन्ग झॉन्गपिंग ने ग्लोबल टाइम्स को बताया कि होवित्जर तोपें 50 किलोमीटर से ज्यादा की रेंज तक मार कर सकती हैं। सॉन्ग ने कहा कि इससे पीएलए को तिब्बत के अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में ताकत मिलेगी। चीन ने तिब्बत में हल्के युद्धक टैंकों की तैनाती के बाद मोबाइल होवित्जर को लगाने का फैसला लिया है। इससे पहले जब भारत और चीन के बीच डोकलाम का गतिरोध चरम पर था, उस दौरान तिब्बत में हुए युद्धाभ्यास में इनका परीक्षण किया गया था।