यूपी की राजधानी लखनऊ और आसपास का ईसाई समुदाय 25 दिसंबर को क्रिसमस के महान त्योहार को खुशी व भक्तिपूर्ण के साथ मनाने की तैयारी कर रहा है। यह जानकारी रेव डॉ. डोनाल्ड एच आर डी सूजा चांसलर व प्रवक्ता, लखनऊ काथलिक धर्मप्रांत ने दी।
लखनऊ। यूपी की राजधानी लखनऊ और आसपास का ईसाई समुदाय 25 दिसंबर को क्रिसमस के महान त्योहार को खुशी व भक्तिपूर्ण के साथ मनाने की तैयारी कर रहा है। यह जानकारी रेव डॉ. डोनाल्ड एच आर डी सूजा चांसलर व प्रवक्ता, लखनऊ काथलिक धर्मप्रांत ने दी।
उन्होंने बताया कि शहर में हजरतगंज स्थित मुख्य चर्च सेंट जोसेफ कैथेड्रल में 24 दिसंबर 2022 को रात करीब 10.30 बजे क्रिसमस कैरल गायन के साथ पवित्र मास से होगी, जिसकी अध्यक्षता लखनऊ के बिशप मोस्ट रेव. गेराल्ड जॉन मैथियास और अन्य पुजारी करेंगे। इस वर्ष, मुख्य रूप से पैरिश सदस्य और उनके परिवार 25 दिसंबर को मध्यरात्रि पवित्र मास और दिन के दौरान आयोजित दिव्य सेवाओं में भाग लेंगे। इसके साथ ही तत्काल समारोह भी शुरू हो गए हैं। कई क्रिसमस गतिविधियां हैं जो इस दावत के खुश और आनंदमय स्वभाव को प्रदर्शित करेंगी।
वहीं कैथेड्रल कंपाउंड को क्रिसमस लाइट्स, क्रिसमस क्रिब और क्रिसमस स्टार्स से सजाया जाएगा, जो क्रिसमस सीजन के खुशनुमा माहौल को दर्शाएगा। हर साल, क्रिसमस के दिन, सुबह लगभग 10.00 बजे से। रात 10.00 बजे तक 100,000 से अधिक (एक लाख लोग) चर्च और मैरियन ग्रोटो (मदर मैरी का मंदिर) में मन्नत की मोमबत्तियाँ जलाने और प्रार्थना करने आते हैं।
आयोजित होने वाले अन्य कार्यक्रमों में क्रिसमस डांस ड्रामा, शहर के प्रमुख नागरिक और धार्मिक नेताओं के लिए ‘क्रिसमस गेट-टूगेदर’, 26 दिसंबर 2022 को शाम 4.30 बजे होगा। क्रिसमस का मौसम रविवार, 27 नवंबर, 2022 को आगमन के मौसम की शुरुआत के साथ शुरू हुआ। ‘एडवेंट’ लैटिन ‘एडवेंटस’ से आया है, जिसका अर्थ है ‘आना’, क्रिसमस की तैयारी में चार सप्ताह की प्रार्थनापूर्ण तैयारी की अवधि, बेथलहम में प्रभु यीशु मसीह के जन्म का उत्सव।
अपने क्रिसमस संदेश में लखनऊ के बिशप जेराल्ड मथियास ने कहा कि क्रिसमस में हम शांति के राजकुमार येसु ख्रीस्त के जन्म का जश्न मनाते हैं। यह क्रिसमस हमें प्रभु यीशु मसीह द्वारा प्रदान की गई वास्तविक शांति और आनंद प्रदान करें जिसकी आज की दुनिया में बहुत आवश्यकता है। उन्होंने समुदाय से अपील की कि वे क्रिसमस के आध्यात्मिक संदेश की ओर लौटें और इस महत्वपूर्ण पवित्र पर्व का व्यावसायीकरण न करें।