नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून 2019 के विरोध में रविवार को दिल्ली की जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों द्वारा किए गए हिंसक प्रदर्शन सोमवार को कैंपस में शांति है। दिल्ली पुलिस मुख्यालय पर छात्रों का प्रदर्शन बीती रात उस वक्त खत्म हुआ जब हिरासत में लिए गए 50 छात्रों की रिहाई हो गई। हालांकि यहां अब भी कुछ छात्रों का शांतिपूर्ण प्रदर्शन जारी है। वहीं सुरक्षा की दृष्टि से बंद किए गए सभी मेट्रो स्टेशन अब खुल गए हैं। जबकि दिल्ली से नोएडा आने वाले कुछ रास्ते बंद हैं। वहीं एहतियात के तौर पर दिल्ली सरकार ने दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के स्कूल सोमवार को बंद रखने का एलान किया गया है।
वहीं जामिया वीसी ने ये भी कहा कि पुलिस ने लाइब्रेरी में लाठीचार्ज किया। हम सबूतों को सामने रखेंगे, इस घटना से हमारे बच्चों के मानसिक स्थिति पर बुरा असर हुआ है। उन्होंने बताया कि हम पुलिस की मदद के लिए मीटिंग कर रहे थे लेकिन पुलिस बिना इजाजत अंदर घुसी। कल की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है।
जामिया एक्जिक्यूटिव काउंसिल की बैठक खत्म होने के बाद वाइस चांसलर नजमा अख्तर ने कहा ने कहा है हम देशभर में हो रहे प्रदर्शन की बात नहीं करते। हमारे बच्चे सुरक्षित रहें हमारा कैंपस सुरक्षित रहे ये हम चाहते हैं। हिंसा में स्थानीय लोग शामिल हैं छात्र नहीं। वीसी का आरोप है कि बिना पूछे पुलिस कैंपस में घुस गई और हमारे बच्चों के साथ बर्बरता की और उन्हें डराया गया।
जामिया में छात्रों का प्रदर्शन सोमवार को एक बार फिर बड़ा स्वरूप ले चुका है। छात्र मानव श्रृंखला बनाकर कल कैंपस में हुई पुलिस की बर्बरता का शांतिपूर्ण विरोध कर रहे हैं। इसके साथ ही जामिया के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल भी तैनात है। दिल्ली पुलिस हाय-हाय के नारे भी लग रहे हैं। जामिया की वाइस चांसलर नजमा अख्तर की अध्यक्षता में रविवार को हुई हिंसक झड़प को लेकर एक्जिक्यूटिव काउंसिल की बैठक जारी है। जामिया हिंसा मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री ने अपने आवास पर बैठक बुलाई है, जो शुरू हो गई है। इस बैठक में पार्टी नेता शामिल हैं। यहां जामिया के घटनाक्रम को लेकर चर्चा हो रही है।