वाराणसी: नागरिकता कानून को लेकर पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हुए, इस दौरान कहीं कहीं हिंसक प्रदर्शन भी हुए थे। वहीं वाराणसी में हिंसात्मक प्रदर्शन को लेकर कुछ गिरफ्तारियां हुई हैं। उन्ही में से एक मासूम बच्ची के माता पिता को भी हिरासत में लिया गया था। जबसे माता पिता जेल गये तबसे उनकी मासूम बेटी चंपा का रो रोकर बुरा हाल है। वह सही से कुछ खा पी भी नही रही है। बीते 11 दिनों से बिना मम्मी-पापा के रह रही है। अब परिजनों के सब्र का बांध भी छलकने लगा है। चंपक के माता-पिता की रिहाई के लिए परिजनों ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुहार लगाई है।
बताया गया कि परिजनों ने पीएम के संसदीय कार्यालय में एक पत्र दिया और चंपक के मम्मी-पापा को जेल से छोड़ने की अपील की है। इस पत्र के माध्यम से जानकारी दी गयी कि चंपक की सेहत लगातार बिगड़ती चली जा रही है। परिजनों का कहना है कि अभी तक चंपक के माता पिता की रिहाई के बारे में उन्हे कोई आश्वाशन नहीं मिला है। परिजनों ने पीएम से गुहार लगाई है चंपक के मम्मी-पापा एकता शेखर और रवि शेखर को जल्द ही जेल से रिहा कर दिया जाये।
आपको बता दें कि चंपक के माता-पिता एकता शेखर और रवि शेखर सामाजिक कार्यकर्ता हैं। बीते 19 दिसंबर को बनारस के बेनियाबाग में प्रदर्शन के दौरान दोनों को गिरफ्तार किया गया था। बताया गया कि वाराणसी में जुमे की नमाज़ के बाद भारी संख्या में लोगों का जमावड़ा हुआ था। इस भीड़ को शांत करने के लिए पुलिस ने लाठी चार्ज भी किया था और कई लोगों को गिरफ़्तार किया था। गिरफ़्तार लोगों में विरोध प्रदर्शन करने वाले रवि शेखर और उनकी पत्नी एकता शेखर भी थे।
रवि शेखर और एकता की 14 महीने की बच्ची चंपक लगातार 11 दिनो से अपने माता पिता की राह देख रही है। वहीं दोनो के घर वाले उसे सम्भालने के साथ साथ रवि और शेखर की जमानत का भी प्रयास कर रहे हैं।
परिजनो को कहना है कि रवि एकता पूरी तरह से बेकसूर है, वो दिन रात समाज की सेवा करते है, कभी हिंसा के बारे में सोंच भी नही सकते। परिजनो का कहना है कि वह शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे, पुलिस ने जबरन उन्हे गिरफ्तार किया है। परिजनो का कहना है कि जबसे रवि और एकता जेल गये तबसे चंपक कुछ खा नहीं रही। वह पूरे समय कह रही है, ‘अम्मा आओ, पापा आओ’।