Civil Services Day: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) शुक्रवार को 16वें ‘सिविल सेवा दिवस’ (Civil Services Day ) कार्यक्रम के समापन सत्र और पुरस्कार समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि, इस साल का ‘सिविल सर्विस डे’ बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है। यह ऐसा समय है जब देश ने अपनी आजादी के 75 वर्ष पूर्ण किए हैं, ये ऐसा समय है जब देश ने अगले 25 वर्षों के विराट-विशाल लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए तेजी से कदम बढ़ाना शुरू किया है। मैं आज भारत के हर सिविल सेवा अधिकारी से यही कहूंगा कि आप बहुत भाग्यशाली हैं। आपको इस कालखंड में देश की सेवा का अवसर मिला है… हमारे पास समय कम है लेकिन सामर्थ्य भरपूर है, हमारे लक्ष्य कठिन हैं लेकिन हौसला कम नहीं है, हमें पहाड़ जैसी ऊंचाई भले ही चढ़नी है लेकिन इरादे आसमान से भी ज्यादा ऊंचे हैं।
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प्रधानमंत्री (Prime Minister Narendra Modi) ने कहा कि, पिछले 9 वर्षों में अगर देश के गरीब से गरीब को भी सुशासन का विश्वास मिला है तो इसमें आपकी मेहनत भी रही है। पिछले 9 वर्षों में अगर भारत के विकास को नई गति मिली है तो ये भी आपकी भागीदारी के बिना संभव नहीं था। कोरोना संकट के बावजूद आज भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। उन्होंने कहा कि, बीते वर्ष 15 अगस्त को मैंने लाल किले से देश के सामने ‘पंच प्राणों’ का आह्वान किया था। विकसित भारत के निर्माण का विराट लक्ष्य हो, गुलामी की हर सोच से मुक्ति हो, भारत की विरासत पर गर्व की भावना हो, देश की एकता और एकजुटता को निरंतर सशक्त करना हो और अपने कर्तव्यों को सर्वोपरि रखना हो… इन पंच प्राणों की प्रेरणा से जो ऊर्जा निकलेगी, वो हमारे देश को वो ऊंचाई देगी, जिसका वो हमेशा से हकदार रहा है।
पीएम (Prime Minister Narendra Modi) ने कहा कि, विकसित भारत सिर्फ आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर या आधुनिक निर्माण तक सीमित नहीं है। विकसित भारत के लिए आवश्यक है कि भारत का सरकारी सिस्टम हर देशवासी की आकांक्षा को सपोर्ट करे, विकसित भारत के लिए आवश्यक है भारत का हर सरकारी कर्मचारी देशवासियों की सपनों को सच करने में उनकी मदद करे, विकसित भारत के लिए आवश्यक है भारत में सिस्टम के साथ नेगेटिविटी जो पिछले दशकों में जुड़ी थी, वो पॉजिटिविटी में बदले।
हमारी योजनाएं कितनी भी बेहतर क्यों ना हों अगर लास्ट माइल डिलीवरी ठीक नहीं होंगी तो अपेक्षित परिणाम नहीं मिलेंगे। आज देश और आप सभी के प्रयासों से सिस्टम बदला है और देश के करीब करीब 3 लाख करोड़ रुपये गलत हाथों में जाने से बचे हैं… आप सभी इसके लिए अभिनन्दन के अधिकारी हैं। आज ये पैसे गरीबों के काम आ रहे हैं, उनके जीवन को आसान बना रहे हैं। आज चुनौती ये नहीं है कि आप कितने efficient हैं, चुनौती ये तय करने में है कि जहां जो deficiency है वो कैसे दूर होगी।