लखनऊ। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में आज फिर आधा उत्तर प्रदेश धूं धूं कर जल उठा। प्रदेश के दो दर्जन से ज्यादा बड़े शहरों में उपद्रवियों ने जमकर हिंसा मचाई। प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह और अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी के तमाम दावों को धता बताकर उपद्रवियों ने जुमे की नमाज के बाद जमकर आगजनी और पथराव किया। अधिकांश जनपदों में पुलिस—प्रशासन उपद्रवियों के सामने बैकफुट पर नजर आया। आपको बता दें कि सुरक्षा एजेसियों ने शुक्रवार को जुमे के चलते दो दर्जन से ज्यादा जनपदों में विरोध प्रदर्शन की आशंका जताई थी। बावजूद इसके आलाधिकारी हिंसा रोकने में नाकाम साबित हुए। ऐसे में बड़े अधिकारियों पर सीएम की गाज गिरना तय माना जा रहा है।
जहां यूपी पुलिस की तरफ से पहले ही दावा किया गया था कि कोई परिंदा यहां पर नही मार सकता है लेकिन जब गुरूवार को लखनऊ में प्रदर्शन उग्र हो गये तो ये दावे पूरी तरह से फेल साबित हुए। लखनऊ की हिंसा के बाद सीएम योगी ने भी पुलिस के आलाधिकारियों को जमकर फटकार लगाई थी और डीजीपी की तरफ से कहा गया था कि अब सुरक्षा को लेकर कोई चूक नही होगी लेकिन एकबार फिर आज सारे दावों की हवा निकल गयी और आधा उत्तर प्रदेश हिंसक घटनाओं में झुलस गया।
इन जनपदों में हुई हिंसा
जुमे की नमाज के बाद गोरखपुर, बुलंदशहर, हापुड़, बहराईच, कानपुर, फिरोजाबाद, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर, मेरठ, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, भदोही, मिर्जापुर, नोएडा, फैजाबाद, शामली, वाराणसी, जौनपुर, एटा समेत 20 जिलों में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया, कई गाड़ियां जला दीं। इस दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया लेकिन प्रदर्शनकारी शांत नही हुए।