लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 27 से 31 जनवरी तक निकलने वाली गंगा यात्रा के रथ को पांच, कालीदास मार्ग स्थित अपने आवास से हरी झंडी दिखाई और ”थीम सांग” भी लॉन्च किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि गंगा गंगा हमारी आस्था ही नहीं, अर्थव्यवस्था भी है। इस बात को ध्यान में रखकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से प्रदेश सरकार गंगा यात्रा शुरू कर रही है।
इस दौरान दो रथों को सीएम योगी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया है। इस दौरान योगी ने कहा कि गंगा भारत की नदी संस्कृति की प्रतीक है। इसके तट पर सभ्यताएं विकसित हुईं और परम्पराएं आगे बढ़ी हैं। संस्कृति के एक लम्बे प्रवाह ने दुनिया को जीने की कला सिखाई, इसलिए हम सबका दायित्व बनता है कि गंगा की स्वच्छता के प्रति आम लोगों को जागरुक किया जाए।
उन्होने कहा कि सनातन काल से हर भारतीय गंगा को अपनी परम्परा एवं विरासत का हिस्सा मानता रहा है। गंगा के प्रति अपने दायित्व के निर्वहन के लिए 2014 में वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि मैं मां गंगा के लिए यहां आया हूं। उन्होंने गंगा मां के प्रति अपनी अटूट आस्था को व्यक्त करते हुए नमामि गंगे परियोजना को पूरे देश में लागू किया।
योगी ने कहा कि मां गंगा देश के पांच राज्यों में 2,525 किलोमीटर की यात्रा तय करती है। इसमें 1,025 किलोमीटर की सबसे ज्यादा दूरी उत्तर प्रदेश में तय करती है इसलिए स्वाभाविक रूप से इसकी स्वच्छता की सबसे बड़ी जिम्मेदारी हम सबकी है, जिसको देखते हुए प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश के अंदर मां गंगा की अविरलता एवं निर्मलता के लिए कई कदम उठाए हैं।
उन्होंने कहा कि कानपुर के सीसामऊ नाले में प्रतिदिन 14 करोड़ लीटर सीवर गिरता था। 128 वर्षों से यह सिलसिला चला आ रहा था। नमामि गंगे परियोजना के तहत आज एक बूंद भी सीवर गंगा जी में नहीं बह रहा है। उन्होंने कहा कि एक वक्त था जब कानपुर में जाजमाऊ के बाद एक भी जलीय जीव नहीं बचा था। नमामि गंगे परियोजना का परिणाम है कि आज वहां बड़ी-बड़ी मछलियां पाई जा रही हैं।