1. हिन्दी समाचार
  2. उत्तर प्रदेश
  3. राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के ‘गोरखपुर क्षेत्रीय केंद्र’ के भवन का सीएम योगी ने किया शिलान्यास

राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के ‘गोरखपुर क्षेत्रीय केंद्र’ के भवन का सीएम योगी ने किया शिलान्यास

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) रामगढ़ ताल परियोजना क्षेत्र में उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय (Rajarshi Tandon Open University) के गोरखपुर (Gorakhpur) क्षेत्रीय केंद्र के भवन की आधारशिला रखी। इस दौरान उन्होंने कहा कि, अब गोरखपुर में विश्वविद्यालय का अपना एक सेंटर स्थापित हो रहा है।

By शिव मौर्या 
Updated Date

गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) रामगढ़ ताल परियोजना क्षेत्र में उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय (Rajarshi Tandon Open University) के गोरखपुर (Gorakhpur) क्षेत्रीय केंद्र के भवन की आधारशिला रखी। इस दौरान उन्होंने कहा कि, अब गोरखपुर में विश्वविद्यालय का अपना एक सेंटर स्थापित हो रहा है। किराए के सेंटर से अपने स्वयं के सेंटर की ओर अग्रसर हुआ है। उन्होंने कहा कि, एक वरिष्ठ राजनेता, महान स्वतंत्रता सेनानी, हिन्दी के अनन्य उपासक, समाज सेवा व शिक्षा के लिए समर्पित महापुरुष के नाम पर 1998 में विश्वविद्यालय की स्थापना हुई है।

पढ़ें :- केरल में PFI से मदद लेती है कम्युनिस्ट पार्टी और कांग्रेस : अमित शाह

राजर्षि टंडन भारत की स्वाधीनता का एक ऐसा नाम है जो देश की आजादी के आंदोलन में अग्रिम पंक्ति में रहकर अपने आपको देश की स्वाधीनता के लिए समर्पित करता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि, गोरखपुर सेंटर के अपने भवन की स्थापना आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में हो रही है। मैं विश्वास करता हूं कि विश्वविद्यालय अगले वर्ष जब स्वयं का अपना रजत जयंती वर्ष मना रहा होगा, उस समय यह सेंटर बनकर तैयार हो जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने वर्ष 2020 में देश को एक राष्ट्रीय शिक्षा नीति दी है। एक लम्बे अरसे के बाद देश ने अपनी राष्ट्रीय शिक्षा नीति का अंगीकार किया। यह पहली बार हो रहा है जब एक छात्र एक साथ दो डिग्री ले सकता है।

उन्होंने कहा कि, गोरखपुर सेंटर से जुड़े 06 जनपदों (गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर, महराजगंज, सिद्धार्थनगर व संतकबीरनगर) के 144 सेंटर और पाठ्यक्रम से जुड़े हुए 7,600 से अधिक लोगों के लिए उनका स्वयं का सेंटर यहां स्थापित होगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू होने के साथ ही इस प्रकार के पाठ्यक्रमों का महत्व और ज्यादा बढ़ेगा। विगत 02 वर्ष के दौरान पूरे देश व दुनिया ने इस प्रकार के विश्वविद्यालय के महत्व को स्वीकार किया है।

पढ़ें :- मोदी सरकार ने 10 सालों दलित, आदिवासी, बहुजन, अल्पसंख्यक और महिलाओं के साथ भारी नाइंसाफ़ी की: मल्लिकार्जुन खड़गे

Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...