लखनऊ। भ्रष्टाचार और कार्य में शिथिलता बरतने वालों पर सीएम योगी आदित्यनाथ का चाबुक चलना शुरू हो गया है। सरकारी योजनओं में लापरवाही बरतने के आरोप में दस मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की गई है। आरोप है कि सीएमओ के द्वारा लाभार्थियों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए गोल्डन कार्ड बनाने व वितरण कराने आदि कार्यों में लापरवाही बरती गई, जिसके कारण दस सीएमओ पर कार्रवाई की गयी है।
मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने बताया कि जिन सीएमओ पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं, उनमें उन्नाव, सुलतानपुर, लखीमपुर खीरी, कानपुर, शाहजहांपुर, अमेठी, गोंडा, बदायूं, कानपुर देहात व बांदा शामिल हैं। मुख्य सचिव ने कहा कि इस योजना में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और कार्य में शिथिलता बरतने वालों पर सख्त कार्रवई की जायेगी।
मुख्य सचिव लोक भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में जनकल्याणकारी योजनाओं की प्रगति की समीक्षा कर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मंडलायुक्तों व जिलाधिकारियों को निर्देश दे रहे थे। मुख्य सचिव ने सभी मंडलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को अपने यहां रैन बसेरा का निरीक्षण कर 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट राहत आयुक्त को देने के लिए कहा है।
इसके साथ ही मुख्य सचिव ने बिजनौर से कानपुर व बलिया से कानपुर तक निकलने वाली पांच दिवसीय दो गंगा यात्राओं में निर्मल धारा के लिए समय पर सफाई व्यवस्था को सुनिश्चित करने के आदेश दिए हैं। यह दोनों गंगा यात्राएं प्रदेश के 26 जिलों से गुजरने वाली गंगा नदी के जल एवं सड़क मार्ग से गुजरेगी। 1026 ग्राम पंचायतों से गुजरने वाली दोनों गंगा यात्राओं में संबंधित विभाग सफाई एवं अन्य आवश्यक कार्य के साथ-साथ फलदार पौधे एवं औषधीय पौधे लगाने के कार्य प्राथमिकता से कराएं।
इसके साथ ही मुख्य सचिव ने कन्या सुमंगला योजना के तहत पात्र लाभार्थियों को योजना का लाभ देने में लापरवाही बरतने पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि लाभार्थियों को योजना का तत्काल लाभ मिले, नहीं तो जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जायेगी।