लखनऊ। लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा के बीच गठबंधन की घोषणा की संभावना बनते देख कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि समान विचार वाले सभी दलों का उद्देश्य देश से ‘कुशासन और तानाशाही’ को खत्म करना है। लेकिन सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य में उसकी किसी भी तरह उपेक्षा करना राजनीतिक रूप से ‘खतरनाक भूल’ होगी।
सूत्रों की मानें तो सपा-बसपा गठबंधन पर उनका कहना है कि राज्य में बीजेपी को जीत से रोकने लिए दोनों ने गठबंध किया है। हालांकि, पहले यूपी में बसपा-सपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन आज हो गया लेकिन कांग्रेस को इसमें शामिल नहीं किया गया। हालांकि, सपा-बसपा गठबंधन में अगर कांग्रेस दो सीटों पर मान जाती है तो उसे साथ रखा जाएगा।
उन्होंने सपा और बसपा का नाम लिए बगैर कहा, ‘‘अगर कुछ पार्टियां इस उद्देश्य में बाधा डालती हैं तो इसका दोषारोपण उन पर होगा। मैं नहीं समझता कि कोई भी कांग्रेस की व्यापक क्षमता, विरासत, इतिहास और पहचान की उपेक्षा कर सकता है। अगर कोई उपेक्षा करने की भूल करता है तो मुझे लगता है कि बहुत बड़ा राजनीतिक खतरा मोल ले रहा है। हमारी उपेक्षा करना खतरनाक भूल होगी।’’
उत्तर प्रदेश में फिर से शानदार प्रदर्शन दोहराने संबंधी भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बयान पर सिंघवी ने कहा, ‘‘यह जुमला बार बार बोला जाता है। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले भी यही दावे किए जा रहे थे। आपने देखा क्या हुआ।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर सबसे बड़ा भय भाजपा को है तो वो विपक्षी एकजुटता से है। प्रधानमंत्री और अमित शाह चाहते हैं कि वोटों का बंटवारा हो। इसलिए वे विपक्षी एकजुटता से डरे हुए हैं।’’