1. हिन्दी समाचार
  2. दिल्ली
  3. देते हैं जो भगवान को धोखा, वो इंसान को क्या छोड़ेंगे : कांग्रेस

देते हैं जो भगवान को धोखा, वो इंसान को क्या छोड़ेंगे : कांग्रेस

कांग्रेस पार्टी ने श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से संबंधित एक जमीन सौदे में लगे भ्रष्टाचार के आरोप को लेकर हमलावर रुख अपनाया है। सोमवार को पार्टी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस 'घोटाले' पर जवाब देना चाहिए। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में इसकी जांच की भी मांग की है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी ने श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से संबंधित एक जमीन सौदे में लगे भ्रष्टाचार के आरोप को लेकर हमलावर रुख अपनाया है। सोमवार को पार्टी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस ‘घोटाले’ पर जवाब देना चाहिए। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में इसकी जांच की भी मांग की है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सुप्रीम कोर्ट यह से आग्रह भी किया कि वह मंदिर निर्माण के चंदे के रूप में प्राप्त राशि व खर्च का न्यायालय के तत्वाधान में ऑडिट करवाए। इसके साथ ही चंदे से खरीदी गई सारी जमीन की कीमत को लेकर भी जांच करे।

पढ़ें :- Lok Sabha Election 2024 : 13 राज्यों की 88 सीटों पर थमा चुनाव प्रचार, अरुण गोविल-राहुल गांधी की प्रतिष्ठा दांव पर

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर आरोप लगाया कि ‘हे राम, ये कैसे दिन… आपके नाम पर चंदा लेकर घोटाले हो रहे हैं। बेशर्म लुटेरे अब आस्था बेच ‘रावण’ की तरह अहंकार में मदमस्त हैं। सवाल है कि दो करोड़ में ख़रीदी ज़मीन 10 मिनट बाद ‘राम जन्मभूमि’ को 18.50 करोड़ रुपये में कैसे बेची? अब तो लगता है …कंसों का ही राज है, रावण हैं चहुं ओर!

उन्होंने कहा कि भगवान श्री राम आस्था के प्रतीक हैं। पर भगवान राम की अलौकिक अयोध्या नगरी में श्री राम मंदिर निर्माण हेतु करोड़ों लोगों से एकत्रित चंदे का दुरुपयोग और धोखाधड़ी महापाप और घोर अधर्म है, जिसमें भाजपाई नेता शामिल हैं। रणदीप सुरजेवाला ने बयान जारी कर कहा कि देते हैं जो भगवान को धोखा, इंसान को क्या छोड़ेंगे! उन्होंने कहा कि भगवान श्री राम के नाम पर- आस्था का सौदा है अधर्म व घोर पाप!

सुरजेवाला ने दावा किया कि जमीन की रजिस्ट्री के दोनों कागजों पर श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी अनिल मिश्रा गवाह के तौर पर मौजूद हैं। दोनों कागजों पर दूसरे गवाह भाजपा के प्रमुख नेता और अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय हैं। इसका मतलब साफ है कि 2 करोड़ रुपये मूल्य की जमीन पांच मिनट में 18.5 करोड़ रुपये में खरीदने के निर्णय की राममंदिर निर्माण ट्रस्ट के न्यासियों को पूरी जानकारी थी।

उन्होंने कहा कि श्री राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट का गठन सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार 5 फरवरी, 2020 को हुआ। उपरोक्त तथ्यों से साफ है कि करोड़ों लोगों द्वारा राम मंदिर निर्माण के लिए दी गई दान राशि में घोर महापाप, अधर्म व घोटाला हुआ है, लेकिन प्रधानमंत्री पूरी तरह से चुप हैं।

सुरजेवाला ने सवाल किया कि प्रधानमंत्री को इसका जवाब देना चाहिए कि क्या भगवान राम की आस्था का सौदा करने वाले पापियों को मोदी जी का संरक्षण प्राप्त है? मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के नाम पर इतना बड़ा कदाचार भाजपा नेताओं ने कैसे किया? उन्होंने यह भी पूछा कि इस प्रकार और कितनी जमीन मंदिर निर्माण के चंदे से औने-पौने दामों पर खरीदी गई है?

पढ़ें :- केरल में PFI से मदद लेती है कम्युनिस्ट पार्टी और कांग्रेस : अमित शाह

कांग्रेस नेता ने कहा कि राम मंदिर निर्माण के लिए इस ट्रस्ट का गठन देश के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर किया गया है। जब यह घोटाला और इसके तथ्य सामने हैं, तो देशवासियों की ओर से हमारी मांग है कि प्रधानमंत्री उपरोक्त सवालों का देश को जवाब दें तथा देश के प्रधान न्यायाधीश व सुप्रीम कोर्ट पूरे मामले का संज्ञान लेकर न्यायलय की निगरानी में जांच करवाएं।

उन्होंने यह मांग भी की कि सुप्रीम कोर्ट मंदिर निर्माण के चंदे के रूप में प्राप्त राशि व खर्च का न्यायालय के तत्वाधान में ऑडिट करवाए , मंदिर निर्माण के लिए मिले चंदे से खरीदी गई सारी जमीन की कीमत के आंकलन बारे भी जांच करे तथा न्यायालय देशवासियों व भक्तजनों के समक्ष वह ऑडिट रिपोर्ट सार्वजनिक करे।”

आप सांसद संजय सिंह ने लगाए भ्रष्टाचार के आरोप

आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने रविवार को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए उसकी जांच सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से कराने की मांग की थी। सिंह ने लखनऊ में दावा किया था कि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने संस्था के सदस्य अनिल मिश्रा की मदद से दो करोड़ रुपए कीमत की जमीन 18 करोड़ रुपए में खरीदी।उन्होंने कहा था कि यह सीधे-सीधे धन शोधन का मामला है और सरकार इसकी सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय से जांच कराये।

वहीं, समाजवादी पार्टी की पूर्ववर्ती सरकार में मंत्री रहे एवं अयोध्या के पूर्व विधायक पवन पांडेय ने भी अयोध्या में राय पर भ्रष्टाचार के ऐसे ही आरोप लगाए और मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की। चंपत राय ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि वह इस तरह के आरोपों से नहीं डरते तथा इन आरोपों का अध्ययन करेंगे।

Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...