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कांग्रेस-सपा-बसपा का मोदी सरकार पर वार, फोन हैकिंग मामले की JPC जांच की मांग

संसद के मॉनसून सत्र में विपक्ष केंद्र सरकार पर हमलावर रुख अख्तियार किए हुए है। इस फोन हैकिंग मामले के खुलासे को लेकर विपक्ष एकजुट है। विपक्ष इस मामले में सरकार से जवाब मांग रहा है। कांग्रेस, लेफ्ट समेत अन्य पार्टियां अब इस मसले पर ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) जांच कराने की मांग कर रही हैं। वहीं, संसद के दोनों सदनों में भी विपक्ष इस मसले को उठा रहा है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। संसद के मॉनसून सत्र में विपक्ष केंद्र सरकार पर हमलावर रुख अख्तियार किए हुए है। इस फोन हैकिंग मामले के खुलासे को लेकर विपक्ष एकजुट है। विपक्ष इस मामले में सरकार से जवाब मांग रहा है। कांग्रेस, लेफ्ट समेत अन्य पार्टियां अब इस मसले पर ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) जांच कराने की मांग कर रही हैं। वहीं, संसद के दोनों सदनों में भी विपक्ष इस मसले को उठा रहा है।

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कांग्रेस सांसद शक्ति सिंह गोहिल ने इस विवाद पर कहा कि पार्टी जेपीसी जांच की मांग करती है। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि सरकार ने जो जवाब दिया है, वह निराशाजनक है। उन्होंने कहा कि सरकार सिर्फ NSO ग्रुप को बचाने के बजाए उसे जांच बैठानी चाहिए। गोगोई ने कहा कि पूर्व आईटी मंत्री इस मामले में जांच चाहते थे, लेकिन नए मंत्री ऐसा नहीं कर रहे हैं।

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने इस मसले पर केंद्र सरकार को घेरा है। चौधरी ने कहा कि बीजेपी लोकतंत्र के बजाय जासूसी तंत्र चला रही है। हमारे नेता राहुल गांधी की भी जासूसी की गई है। इस मामले में गृह मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए। अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि इसकी न्यायिक जांच बैठानी चाहिए। जो भी सरकार के खिलाफ है, उसकी जासूसी हो रही है। सरकार चर्चा से भाग नहीं सकती है।

शिवसेना सांसदों ने भी जासूसी मामले में जेपीसी जांच की मांग की है। इसके मद्देनज़र सांसदों ने लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला से मुलाकात की।

सीताराम येचुरी ने सरकार को घेरा

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सीपीआई (एम) के नेता सीताराम येचुरी ने भी इस विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के जज की अगुवाई में जेपीसी जांच की मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। सीताराम येचुरी ने कहा कि पेगासस का स्पाइवेयर जो कंपनी चलाती है उसने स्पष्ट कहा है कि सिर्फ सरकारों के साथ सौदा करती है। ऐसे में सरकाकर को बचाना चाहिए कि वो एग्रीमेंट क्या है और किस-किस पर जासूसी हो रही थी?

सीताराम येचुरी ने कहा कि सरकार की पूरी कोशिश देश को एक पुलिस स्टेट बनाने की है। उनके खिलाफ जो भी आवाज आती है उनकी जासूसी की जाए। 2 साल पहले भी बात आई थी तभी हम ने संसद में कहा था कि इसकी जांच होनी चाहिए और सरकार स्वच्छ सामने आए, लेकिन सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया है।

माया और अखिलेश ने सरकार पर उठाए सवाल

यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख मायावती ने इस विवाद पर केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया है। मायावती ने ट्वीट कर कहा कि जासूसी का गंदा खेल व ब्लैकमेल आदि कोई नई बात नहीं, लेकिन काफी महंगे उपकरणों से निजता भंग करके मंत्रियों, विपक्षी नेताओं, अफसरों व पत्रकारों आदि की सुक्षम जासूसी करना अति-गंभीर व खतरनाक मामला जिसका भंडाफोड़ हो जाने से यहां देश में भी खलबली व सनसनी फैली हुई है।

मायावती ने कहा कि केन्द्र की बार-बार अनेकों प्रकार की सफाई, खण्डन व तर्क लोगों के गले के नीचे नहीं उतर पा रहे हैं। सरकार व देश की भी भलाई इसी में है कि मामले की गंभीरता को ध्यान में रखकर इसकी पूरी स्वतंत्र व निष्पक्ष जांच यथाशीघ्र कराई जाए ताकि आगे जिम्मेदारी तय की जा सके।

यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने इस मसले पर कहा कि फोन की जासूसी करवाकर लोगों की व्यक्तिगत बातों को सुनना ‘निजता के अधिकार’ का घोर उल्लंघन है। अगर ये काम भाजपा करवा रही है तो ये दंडनीय है । उन्होंने कहा कि अगर भाजपा सरकार ये कहती है कि उसे इसकी जानकारी नहीं है। तो ये राष्ट्रीय सुरक्षा पर उसकी नाकामी है। फ़ोन-जासूसी एक लोकतांत्रिक अपराध है।

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