नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशेधन कानून की तर्ज पर जातीय दंगा कराने की साजिश रची जा रही है। साजिशकर्ताओं की साजिश पहले ही बेनकाब हो गयी है। दंगा भड़काने के लिए एक वेबसाइट का सहारा लिया गया, जिसमें हाथरस कांड से जुड़ी भड़काऊ व आपत्तिजनक सामग्री अपलोड की गई थी।
पुलिस ने जानकारी होने पर इस वेबसाइट को बंद करा दिया है। प्रदेश के डीजीपी हितेश चन्द्र अवस्थी ने बताया कि इस तरह की वेबसाइट के बारे में जानकारी हुई है। जिसे भारत के बाहर से संचालित किया जा रहा था। इसमें न सिर्फ भड़काऊ सामग्री थी बल्कि प्रदर्शन के दौरान पुलिस की कार्रवाई से बचाव के तरीके भी बताए गए हैं।
वहीं, इस वेबसाइट पर पीड़िता के परिवार को मदद के बहाने दंगों के लिए फंडिंग की जा रही थी। फंडिंग की बदौलत अफवाहें फैलाने के लिए मीडिया और सोशल मीडिया के दुरूपयोग को लेकर भी जानकारी मिली है। इस मामले में हाथरस पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है।
इतना ही नहीं वेबसाइट पर मीडिया और सोशल मीडिया के जरिए फेक न्यूज, फोटोशाप से तैयार की गई तस्वीरों, अफवाहों, एडिटेड विजुअल का किस तरह इस्तेमाल किया जाय, ये भी जानकारी दी गयी है। वहीं, अब मामले की जांच के बाद जातीय दंगा फैलाने की साजिशकर्ता बेनकाब होंगे।