नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग से निकली चिंगारी पर विरोध की राजनीति तेज हो गई है। सीएए के खिलाफ प्रदर्शन को लेकर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के नेता वारिस पठान ने बेहद विवादित बयान दिया है। वारिस पाठन ने बिना नाम लिए कहा कि पर 15 करोड़ (मुस्लमान) है मगर 100 करोड़ (हिंदुओं) पर भारी पड़ेंगे, ये याद रख लेना। वारिस पठान ने जब यह बयान दिया तो वहां हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी भी मौजूद थे।
मुंबई के भायखला से विधायक वारिस पठान ने कहा, ‘ईंट का जवाब पत्थर से देना हमने सीख लिया है। मगर इकट्ठा होकर चलना होगा। अगर आजादी दी नहीं जाती तो हमें छीनना पड़ेगा। वे कहते हैं कि हमने औरतों को आगे रखा है… अभी तो केवल शेरनियां बाहर निकली हैं तो तुम्हारे पसीने छूट गए। तुम समझ सकते हो कि अगर हम सब एक साथ आ गए तो क्या होगा। 15 करोड़ (मुस्लिम) हैं लेकिन 100 (करोड़ हिंदू) के ऊपर भारी हैं। ये याद रख लेना।’
वारिस पठान के बयान के बाद राजनीति गरम
इससे पहले 5 फरवरी को पठान ने स्वीकार किया था कि उन्होंने मुंबई के नागपाड़ा इलाके में शाहीन बाग की तरह से विरोध प्रदर्शन आयोजित किया था। वारिस पठान के इस बयान के बाद राजनीति गरम हो गई है। वीएचपी ने वारिस पठान के इस बयान की आलोचना की है। उधर, मुस्लिम मौलवियों ने वारिस पठान के इस बयान की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि इस तरह के बयान घृणा को जन्म देते हैं।
मुस्लिम मौलवियों ने कहा कि हिंदू मुसलमान के साथ खड़ा है और मुसलमान हिंदू के साथ खड़ा है। इस तरह की विचारधाराओं से देश को नुकसान होगा। लोगों के हाथ खून से सनेंगे। उन्होंने सवाल किया कि क्या 15 मिनट में सारे हिंदुओं को खत्म कर देंगे क्या? इससे पहले एआईएमआईएम चीफ के भाई अकबरुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि 15 मिनट वाला बयान दिया था जिसके बाद जमकर बवाल हुआ था।