लखनऊ। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में संस्कृति साहित्य पढ़ाने के लिए मुस्लिम शिक्षक फिरोज खान की नियुक्ति पर हंगामा मचा हुआ है। इस नियुक्ति को लेकर वहां के छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं, मामला तूल पकड़ने के बाद मायावती ने इसको लेकर सरकार पर निशाना साधा है। मायावती ने कहा कि शिक्षा को धर्म व जाति की अति-राजनीति से जोड़ने के कारण उपजे इस विवाद को कतई सही नहीं ठहराया जा सकता।
बनारस हिन्दू केन्द्रीय विवि में संस्कृत के टीचर के रूप में पीएचडी स्कालर फिरोज खान को लेकर विवाद पर शासन/प्रशासन का ढुलमुल रवैया ही मामले को बेवजह तूल दे रहा है। कुछ लोगों द्वारा शिक्षा को धर्म/जाति की अति-राजनीति से जोड़ने के कारण उपजे इस विवाद को कतई उचित नहीं ठहराया जा सकता है
— Mayawati (@Mayawati) November 21, 2019
उन्होंने प्रशासन पर भी ढुलमुल रवैया अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि प्रशासन के रवैये के कारण ही मामले को बेवजह तूल दिया जा रहा है। मायावती ने ट्वीट कर लिखा है कि, ‘बनारस हिन्दू केन्द्रीय विवि में संस्कृत के टीचर के रूप में पीएचडी स्कालर फिरोज खान को लेकर विवाद पर शासन/प्रशासन का ढुलमुल रवैया ही मामले को बेवजह तूल दे रहा है। कुछ लोगों द्वारा शिक्षा को धर्म/जाति की अति-राजनीति से जोड़ने के कारण उपजे इस विवाद को कतई उचित नहीं ठहराया जा सकता है।’
2. बीएचयू द्वारा एक अति-उपयुक्त मुस्लिम संस्कृत विद्वान को अपने शिक्षक के रूप में नियुक्त करना टैलेन्ट को सही प्रश्रय देना ही माना जाएगा और इस सम्बंध में मनोबल गिराने वाला कोई भी काम किसी को करने की इजाजत बिल्कुल नहीं दी जानी चाहिए। सरकार इसपर तुरन्त समुचित ध्यान दे तो बेहतर होगा
— Mayawati (@Mayawati) November 21, 2019
इसक साथ ही उन्होंने एक और ट्वीट किया है, जिसमें लिखा है कि, बीएचयू द्वारा एक अति-उपयुक्त मुस्लिम संस्कृत विद्वान को अपने शिक्षक के रूप में नियुक्त करना टैलेन्ट को सही प्रश्रय देना ही माना जाएगा और इस सम्बंध में मनोबल गिराने वाला कोई भी काम किसी को करने की इजाजत बिल्कुल नहीं दी जानी चाहिए। सरकार इसपर तुरन्त समुचित ध्यान दे तो बेहतर होगा’ बता दें कि, कई दिनों से फिरोज खान की नियुक्ति को लेकर बवाल चल रहा है।