नई दिल्ली: चीन के वुहान से दुनिया भर में फैला कोरोना वायरस अभी भी थमने का नाम नही ले रहे, कोरोना वायरस ने पिछले 6 महीने से दुनियाभर में कोहराम मचा रखा है। वुहान से चले इस चीनी वायरस की चपेट में आने से अबतक 75 लाख लोग आ चुके हैं, जबकि 4 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
संक्रमितों और मौत के बढ़े आंकड़े के बीच दुनियाभर में कोरोना से निपटने के लिए वैक्सीन और दवाई पर रिसर्च जारी है। कई जगहों रिसर्च आखिरी चरण में है, हालांकि अबतक लोगों को किसी ठोस परिणाम का इंतजार है।
इन सबके बीच अमेरिका में हुए एक रिसर्च में खुलासा हुआ है कि कुछ ब्लड ग्रुप वालों पर कोरोना संक्रमण का ज्यादा खतरा है तो कुछ पर कम। ब्लूमबर्ग की ओर से प्रकाशित एक स्टडी ‘23andMe’ में बीमारी की गंभीरता की बजाय संवेदनशीलता को देखा गया।
इसमें 10,000 प्रतिभागी शामिल थे, जिन्होंने कंपनी को बताया कि उन्हें कोविड-19 संक्रमण हुआ। रिसर्च में पाया गया कि O टाइप (ब्लड ग्रुप) रक्त वाले व्यक्ति वायरस के लिए पॉजिटिव टेस्ट देने वाले अन्य रक्त टाइप वाले व्यक्तियों की तुलना में 9 फीसदी से 18 फीसदी के बीच कम होते हैं।
अध्ययन में वैज्ञानिकों ने इन लोगों के ब्लड सैंपल और जीन डिजाइन का टेस्ट किया गया। इसे तीन ग्रुप में बांटा गया। एक- जिन्होंने संक्रमण की खुद जानकारी दी, दूसरे- अस्पताल में भर्ती होने वाले लोग, तीसरे- ज्ञात जोखिम के बाद संक्रमित होने वाले व्यक्ति।
फस्टपोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, अध्ययन के प्रारंभिक परिणाम से मालूम हुआ कि O ब्लड ग्रुप वाले लोगों को संक्रमित होने की कम से कम संभावना थी। दूसरे ब्लड ग्रुप वाले व्यक्तियों की तुलना में O ब्लड ग्रुप वाले व्यक्तियों में कोरोना संक्रमण 9 से 18 फीसदी कम था। आयु, लिंग, बॉडी मास इंडेक्स, जातियता के आधार पर भी लोगों को रखने पर परिणाम समान रहे।
शोधकर्ताओं का दावा है कि ए ब्लड ग्रुप (Blood Group A type) वाले लोगों को कोरोना संक्रमण का ज्यादा खतरा रहता है। ऐसे लोगों में संक्रमण का स्तर गंभीर हो सकता है और उन्हें वेंटिलेटर तक की जरूरत पड़ सकती है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, अन्य ब्लड ग्रुप वालों की अपेक्षा ए ब्लड ग्रुप वालों को संक्रमित होने का खतरा छह फीसदी तक ज्यादा है।
शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में पाया है कि ए ब्लड ग्रुप वाले कोरोना पीड़ितों में डीएनए का एक खास हिस्सा ऐसा है, जो ज्यादा जोखिम का कारक हो सकता है। रिसर्च के दौरान इसकी पुष्टि हुई है। इससे पहले चीन के वुहान में हुई रिसर्च स्टडी में भी पता चला था कि जिन लोगों का ब्लड ग्रुप ए है, उन्हें कोरोना के संक्रमण का ज्यादा खतरा है।