लखनऊ। दुनिया भर में तबाही का पर्याय बन चुके जानलेवा वायरस कोविड-19 को अब पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। वैसे तो देश के कई शिक्षण संस्थान इस दिशा में काम कर रहे हैं। लेकिन इसकी शुरुआत उत्तर प्रदेश की राजधानी में स्थित लखनऊ विश्वविद्यालय ने की है। लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने इस दिशा में विभागों को सार्थक दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं।
कोरोना संक्रमण से हमारा देश भी काफी प्रभावित है। इसका संक्रमण रोकने के लिए आगामी 3 मई तक लॉकडाउन का दूसरा चरण लागू रहेगा। इसकी गंभीरता, संभावनाओं व परिणामों को देखते हुए लखनऊ विश्वविद्यालय ने इसे अपने पाठ्यक्रम में शामिल करने का निर्णय लिया है। ताकि छात्रों को इस गंभीर बीमारी के प्रति पढ़ाई के दौरान ही जानकारी मिल सके। लविवि प्रशासन के मुताबिक एमएससी बायोकेमिस्ट्री के प्रथम सेमेस्टर में क्लीनिकल बायोकेमेस्ट्री एंड फिजियोलॉजी के तहत कोविड-19 के बारे में पढ़ाया जाएगा। इस पाठ्यक्रम के तहत ग्लोबल व स्थानीय बीमारियों पर ही अध्ययन किया जाता है। छात्र वैश्विक बीमारी कोविड-19 के बारे में भी जान सकें, इस कारण इसे कोर्स में शामिल किया जा रहा है।
लविवि प्रशासन ने बताया कि विवि की एकेडमिक काउंसिल की बैठक अभी होनी है, ऐसे में सीबीसीएस के तहत इसे कोर्स में शामिल किया जाएगा। इसके अलावा लविवि के न्यू कैंपस स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ के पाठ्यक्रम में भी कोविड 19 को शामिल किया जाएगा। ताकि छात्र इसके सामाजिक व आर्थिक प्रभावों का गहराई से अध्ययन कर सकें।