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टेस्ट, ट्रेस और ट्रीट के साथ अब टीकाकरण से कंट्रोल करेंगे कोरोना : सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना के सेकेंड वेव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बताए ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट के मंत्र को अपनाकर उत्तर प्रदेश ने कोविड प्रबंधन का शानदार उदाहरण पेश किया है। यह आशंका जताई जा रही थी कि यूपी में कोरोना से स्थिति भयावह और अनियंत्रित होगी, व्यापक अभियान चलाकर हमने इसे निर्मूल साबित किया है।

By संतोष सिंह 
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सिद्धार्थनगर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना के सेकेंड वेव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बताए ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट के मंत्र को अपनाकर उत्तर प्रदेश ने कोविड प्रबंधन का शानदार उदाहरण पेश किया है। यह आशंका जताई जा रही थी कि यूपी में कोरोना से स्थिति भयावह और अनियंत्रित होगी, व्यापक अभियान चलाकर हमने इसे निर्मूल साबित किया है। उत्तर प्रदेश न केवल जांच व टीकाकरण में देश में अग्रणी बना हुआ है बल्कि यहां पाजिटिविटी निरंतर कम हो रही है और रिकवरी रेट लगातार वृद्धि पर है। हमें जांच, उपचार व टीकाकरण से हर व्यक्ति का जीवन बचाना है।

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कोविड प्रबंधन के लिए मंडल स्तरीय जमीनी दौरे के बाद ताबड़तोड़ जिला स्तरीय दौरे पर निकले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को सिद्धार्थनगर जिले में थे। इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर, टीकाकरण कार्य, सीएचसी व निगरानी समिति के कार्यों का निरीक्षण व समीक्षा बैठक के बाद मीडिया से मुखातिब सीएम योगी ने कहा कि यह आशंका व्यक्त की जा रही थी कि यूपी में 25 अप्रैल के बाद और मई में प्रतिदिन एक लाख से अधिक कोविड केस आएंगे। यह भी कहा जा रहा था कि 10 मई के बाद यहां 30 लाख तक एक्टिव केस होंगे।

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सीएम ने कहा कि सबकी सुरक्षा हमारी शीर्ष प्राथमिकता है और इसके लिए मैं खुद फील्ड में हूं। मंडल स्तरीय दौरों के बाद अब जिलों में जा रहा हूं। मंत्रीगण भी जनपदों में दौरा कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि फर्स्ट वेव वाले पीएम के मंत्र पर चलाए गए व्यापक अभियान के परिणाम सबके सामने हैं। प्रदेश में अब तक सर्वाधिक 4 करोड़ 80 लाख कोविड टेस्ट किए गए हैं। कल 3 लाख 56 हजार टेस्ट हुए थे। अधिक जांच से संक्रमण के फैलाव को रोकने में काफी मदद मिली है। वर्तमान में यूपी में कुल एक्टिव केस 58 हजार के आसपास रह गए हैं। आज सिर्फ 32 सौ संक्रमित मिले हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश में रिकवरी रेट 95 फीसद से अधिक हो चुकी है और बीते 24 घंटे में पॉजिटिविटी दर एक प्रतिशत के आसपास। ओवरऑल पॉजिटिविटी भी औसतन तीन प्रतिशत से कम रह गई है।

सीएम योगी ने बताया कि पॉजीटिविटी को निरंतर कम करने और रिकवरी को बढ़ाने के लिए हर जिले में जांच तेज की जा रही है। निगरानी समितियां गांव गांव जाकर लक्षण वाले लोगों का पता लगा रही हैं। उन्हें तत्काल मेडिसिन किट उपलब्ध कराया जा रहा है। रैपिड रिस्पॉन्स टीमें उनकी जांच करा रही हैं। संक्रमितों का बेहतर इलाज किया जा रहा है। इससे 26-27 दिनों में संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण करते हुए प्रदेश में एक्टिव केस में 85 प्रतिशत तक गिरावट दर्ज की गई है।

कोरोना के साथ ही इंसेफेलाइटिस व वेक्टर बोर्न डिजीज को रोकेंगे

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम कोरोना के साथ ही इंसेफेलाइटिस और अन्य वेक्टर बोर्न डिजीज को रोकने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। गोरखपुर-बस्ती मंडल के जिले इंसेफेलाइटिस को लेकर अति संवेदनशील रहे हैं। चार सालों में इस पर प्रभावी नियंत्रण किया गया है। इसके लिए हर मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल में पीडियाट्रिक आईसीयू (पीकू) व सीएचसी पर मिनी पीकू की व्यवस्था है। इंसेफेलाइटिस के साथ ही पीकू और मिनी पीकू बच्चों को कोरोना से बचाने में भी उपयोगी होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड के थर्ड वेव से बच्चों को बचाने के लिए सिद्धार्थनगर की हर सीएचसी पर मिनी पीकू बनाने के निर्देश दिए गए हैं।

जल्द ही बच्चों के लिए भी मेडिसिन किट

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सीएम योगी ने कहा कि कोरोना के थर्ड वेव में बच्चों के अधिक प्रभावित होने की बात कही जा रही है। बच्चों को बचाने के लिए शुरू इंतजामों में जल्द ही उनके लिए भी मेडिसिन किट की व्यवस्था की जाएगी। इसके साथ ही 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के अभिभवकों के लिए हर जिले में स्पेशल वैक्सिन बूथ बन रहे हैं। अभिभावक सुरक्षित रहेंगे तो बच्चे सुरक्षित रहेंगे।

टेस्ट से न भागें, टीका जरूर लगवाएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिसमें भी बीमारी के लक्षण दिखे वह अपनी कोरोना जांच अवश्य कराए, मेडिसिन किट ले।। टेस्ट से न भागें, बीमारी न छिपाएं। उन्होंने साथ ही टीकाकरण में भी लोगों से बढकर हिस्सा लेने की अपील की। बताया कि यूपी टीकाकरण में सबसे आगे है, 1.70 करोड़ लोगों को यहां वैक्सिन लगाई जा चुकी है। उन्होंने कहा कि टीका भी मजबूत सुरक्षा कवच है, इस पर भ्रामक प्रचार से बचें। खुद टीका लगवाएं और दूसरों को भी प्रेरित करें। एक जून से 18 से 44 वर्ष के लोगों को भी निशुल्क वैक्सिन लगेगी। छोटे बच्चों के अभिभावक कामकाजी वर्ग के होते हैं, उनके लिए विशेष व्यवस्था के साथ ही न्यायिक वर्ग, सरकारी कर्मचारियों, शिक्षकों व मीडियाकर्मियों के लिए भी अलग से टीकाकरण केंद्र बनाए जा रहे हैं।

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