मुंबई। भारत में सबसे ज्यादा कोरोना का कहर महाराष्ट्र में दिख रहा है। कोरोना से सबसे बुरी तरह जूझ रहा है। राज्य में कोरोना के तीन हजार से ज्यादा मरीज हैं और लगभग दो सौ लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य में कोरोना संक्रमण लगातार फैलने का सबसे बड़ा कारण प्रशासनिक व्यवस्था की कमी है। आलम यह है कि एक कोरोना मरीज को ऐडमिट होने के लिए 30 घंटे तक पार्किंग में इंतजार करना पड़ा। राज्य में कोई सेंट्रलाइज्ड सिस्टम या सिंगल विंडो सलूशन ना होने के कारण आम मरीजों को भी तीन-चार अस्पतालों का चक्कर काटना पड़ रहा है।
यहां पर ऐसी कोई सेंट्रलाइज्ड डेस्क नहीं है, जो मरीजों को ये बता सके कि कहां पर बेड्स उपलब्ध हैं। एक कोरोना संक्रमित गर्भवती महिला को बच्चे को जन्म देने से पहले कई घटों तक अस्पतालों का चक्कर काटना पड़ा और बड़े-बड़े अधिकारी भी आसानी से बेड का इंतजाम नहीं कर सके। इस सबसे बीच कोरोना से बचाव के लिए जरूरी मुख्य गाइडलाइन्स का भी पालन नहीं हो रहा है।
बीएमसी के पास नहीं है कोविड-19 मरीजों के लिए उपलब्ध बेड्स का आंकड़ा
एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक बीएमसी के एक अधिकारी ने अपनी पहचान छिपाने की शर्त पर बताया, ‘शहर में कोविड-19 के मरीजों के लिए उपलब्ध बेड्स का कोई आंकड़ा मौजूद नहीं है। हमें हर अस्पताल में फोन करके पूछना पड़ता है कि बेड है या नहीं, यही कारण है कि देरी होती है।’
बीएमसी के स्वास्थ्य विभाग की डेप्युटी डायरेक्टर डॉ. दक्षा सिंह ने कहा कि जल्द ही बीएमसी की वेबसाइट पर बेड्स की संख्या का डेटा उपलब्ध हो जाएगा। इसका काम चल रहा है। हम उन मरीजों को भी डिस्चार्ज कर रहे हैं, जिनमें लक्षण नहीं पाए गए हैं। ऐसे में हमें और जगह मिल जाएगी।’