इंडियन स्पेस प्रोग्राम के नए युग की शुरूआत हो गया है श्रीहरिकोटा शुक्रवार को देश के पहले प्राइवेट रॉकेट ‘विक्रम एस’ को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया गया। विक्रम एस को सुबह 11:30 मिनट पर सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया। बताया जा रहा है कि भारत के पहले निजी रॉकेट ‘विक्रम-एस’ का नामकरण विक्रम साराभाई के नाम पर किया गया है।
श्रीहरिकोटा: इंडियन स्पेस प्रोग्राम के नए युग की शुरूआत हो गया है श्रीहरिकोटा शुक्रवार को देश के पहले प्राइवेट रॉकेट ‘विक्रम एस’ को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया गया। विक्रम एस को सुबह 11:30 मिनट पर सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया। बताया जा रहा है कि भारत के पहले निजी रॉकेट ‘विक्रम-एस’ का नामकरण विक्रम साराभाई के नाम पर किया गया है। रॉकेट का निर्माण “स्काईरूट एयरोस्पेस” ने किया है।
बताया जा रहा है कि लॉन्चिंग के बाद से रॉकेट आवाज की गति से पांच गुना ज्यादा स्पीड से अंतरिक्ष की ओर गया। बता दें कि इसका निर्माण स्काईरूट कंपनी ने किया है जो चार साल पुरानी है। विक्रम एस रॉकेट को लॉन्च करने में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने मदद की। इस मिशन को ‘Mission Prarambh’ नाम दिया गया है।
With #StartUp Team "Skyroot Aerospace" at #Sriharikota, minutes before the launch of the first ever private Rocket, Vikram-S, named after Vikram Sarabhai, the founding father of India's Space program.
Countdown begins! pic.twitter.com/QUZpYSdsjS— Dr Jitendra Singh (@DrJitendraSingh) November 18, 2022
इस रॉकेट का नाम भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के संस्थापक डॉ. विक्रम साराभाई के नाम पर रखा गया है। विक्रम-I पृथ्वी की निचली कक्षा में 480 किलोग्राम पेलोड ले जा सकता है, वहीं विक्रम-II 595 किलोग्राम कार्गो को उठाने में सक्षम है। इस बीच, विक्रम-III 815 किलोग्राम से 500 किलोमीटर कम झुकाव वाली कक्षा के साथ लॉन्च कर सकता है।