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covid 19 : परंपरागत लक्षणों से अलग हैं डेल्टा स्वरूप के लक्षण, इन संकेतों पर करें गौर

कोरोना की दूसरी लहर ने समूचे विश्व में हाहाकार मचा दिया। दूसरी लहर के साथ् ही वायरस के बदलते स्वरूप डेल्टा वेरिएंट के मामले बढ़ रहे है।

By अनूप कुमार 
Updated Date

 नई दिल्ली: कोरोना की दूसरी लहर ने समूचे विश्व में हाहाकार मचा दिया। दूसरी लहर के साथ् ही वायरस के बदलते स्वरूप डेल्टा वेरिएंट के मामले बढ़ रहे है। वायरस के नए स्वरुप वेरिएंट ने सबकी चिंता बढ़ी है। कोरोना महामारी पर लगाम लगाने के लिए करने के लिए विश्व भर में वैक्सीनेशन तीव्र गति से हो रहा हैै। वैश्विक महामारी की शुरुआत में, सरकारी एजेंसियां और स्वास्थ्य अधिकारी लोगों को लक्षण की पहचान करने के बारे में सूचना देने के लिए संघर्ष करते दिखे।

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लेकिन जैसे-जैसे वायरस विकसित हुआ है, ऐसा दिख रहा है कि सबसे सामान्य लक्षण भी बदल गए हैं। उभरते आंकड़े दिखाते हैं कि वायरस के डेल्टा स्वरूप से संक्रमित लोग उन लक्षणों से अलग का अनुभव कर रहे हैं जिन्हें वैश्विक महामारी की शुरुआत में कोविड के साथ जोड़ कर देखा गया था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया में कोविड के नये मामलों के लिए यह स्वरूप जिम्मेदार है और दुनिया भर में बहुत तेजी से नजर आ रहा है। एक ही वायरस अलग-अलग तरीके से अलग-अलग संकेत एवं लक्षण उत्पन्न कर सकता है।

संकेत वह है जो दिखता है जैसे चकत्ते। लक्षण वह है जो महसूस होता है जैसे गला खराब होना। वायरस किस तरह से बीमार करता है यह दो अहम कारकों पर निर्भर करता है – वायरल कारकों में वायरस की खुद की प्रतिकृत बनाने की गति, संचरण के माध्यम और अन्य चीजें शामिल हैं। वायरस के विकास के साथ वायरल कारक बदल जाते हैं।

पोषक (वायरस से संक्रमित व्यक्ति) कारक व्यक्ति विशेष पर आधारित होते हैं। आयु, लिंग, दवाइयां, आहार, व्यायाम, स्वास्थ्य एवं तनाव सभी पोषक कारकों को प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए जब भी हम वायरस के संकेतों एवं लक्षणों की बात करते हैं तो हम जो सामान्य हैं उनकी बात कर रहे होते हैं। उन्हें निर्धारित करने के लिए हमें व्यक्तिगत मामलों से सूचनाएं एकत्र करनी होती है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अब सवाल यह उठता है कि डेल्टा स्वरूप के समान संकेत एवं लक्षण क्या हैं? मोबाइल ऐप के जरिए खुद रिपोर्ट करने वाली प्रणाली का इस्तेमाल करते हुए, ब्रिटेन से ली जानकारी दिखाती है कि कोविड के आम लक्षण अब बदल गए हो सकते हैं जिसे हम वायरस से परंपरागत तौर पर जोड़कर देखते हैं। बुखार और खांसी हमेशा से कोविड के सबसे आम लक्षण रहे हैं और सिरदर्द एवं गले में दर्द पारंपरिक रूप से कुछ लोगों में दिखता था, लेकिन नाक बहना पूर्व के आंकड़ों में दुर्लभ था। वहीं, सूंघने की शक्ति चली जाना जो मूल रूप में बेहद आम था, अब नौवें स्थान का लक्षण है।

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लक्षणों के इस तरह से विकसित होने के पीछे कुछ कारण हो सकते हैं। ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि आंकड़े मूल रूप से अस्पताल जाने वाले मरीजों से मिल रहे थे जिनके बीमार होने की संभावना ज्यादा थी।

ऐसा वायरस के क्रम विकास के कारण और डेल्टा स्वरूप की विभिन्न विशेषताओं के कारण भी हो सकता है। लेकिन लक्षण क्यों बदल रहे हैं इसका सटीक जवाब निर्धारित नहीं हो पा रहा है। हमें डेल्टा स्वरूप के बारे में और जानने की जरूरत है।

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