लखनऊ। यूपीपीसीएल के बाद यूपी स्टेट कंस्ट्रक्शन ऐंड इंफ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपी सिडको) के कर्मचारियों की गाढ़ी कमाई भी डीएचएफएल में फंस गई है। इसका खुलासा उस समय हुआ जब यूपी सिडको के कर्मचारियों ने प्रबंधन से जानकारी मांगी, जिसमें पता लगा कि उनके पीएफ में से 5.5 करोड़ रुपये का निवेश डीएचएफएल में किया गया है। कर्मचारियों को इसकी जानकारी मिलते ही उन्होंने जांच की मांग शुरू कर दी।
सूत्रों की माने तो अभी कई विभागों ने कर्मचारियों की गाढ़ी कमाई का निवेश डीएचएफएल में किया है, जिसका खुलासा करने से वह डर रहे हैं। उधर, पावर कॉर्पोरेशन में पीएफ की रकम के मनमाने निवेश का खुलासा होने के बाद योगी सरकार हरकत में आई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दूसरे सभी विभागों के कर्मचारियों के पीएफ निवेश से संबंधित हिसाब-किताब मांगा है।
इसके बाद मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने इस संबंध में शासन के समस्त अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों व सचिवों के साथ बैठकर कई निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही सभी विभागों को पीएफ के संबंधित जानकारी देने के लिए एक फार्मेट भी भेजा गया है। यूपी सिडको के एमडी जगदीश प्रसाद चौरसिया के मुताबिक, मई 2017 में कर्मचारियों के भविष्य निधि (पीएफ) का कुछ अंश दीवान हाउसिंग फाइनैंस लिमिटेड (डीएचएफएल) में निवेश किया गया था।
निवेश के दौरान सभी प्रक्रिया का पालन किया गया था। विभाग का कहना है कि, जिस समय डीएचएफएल में निवेश किया गया तब उसकी रिटर्न की दर काफी ज्यादा थी। इसी कारण रकम लगाने का फैसला किया गया। हालांकि, अब यह कंपनी विवादों में चल रही है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि, हम प्रयास कर रहे हैं कि कर्मचारियों की फंसी हुई रकम वापस आ जाए। वहीं, उप्र राज्य निगम कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष मनोज कुमार मिश्र का कहना है कि यूपी सिडको के कर्मचारी रकम फंसने से परेशान हैं। सरकार को उन लोगों के खिलाफ कार्रवई करनी चाहिए जिन्होंने डीएचएफएल जैसी कंपनियों के पक्ष में पॉजिटिव रेटिंग दी थी।
कई विभागों ने भी किया निवेश!
सूत्रों की माने तो यूपीपीसीएल और सिडको के बाद कई और विभाग हैं, जिन्होंने अपने कर्मचारियों की गाढ़ी कमाई का निवेश डीएचएफएल में किया है। डीएचएफएल के विवाद में आने के बाद इस कंपनी में निवेश करने वाले विभाग के अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है। सूत्रों की माने तो कर्मचारियों के भविष्य निधि के निवेश की जांच सही से हो जाये तो कई और बड़े घोटाले उजागर हो सकते हैं। हालांकि, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शासन से सभी विभागों से पीएफ प्रबंधन का ब्योरा तलब किया है।