नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजनशिप (NRC) के विरोध-प्रदर्शन के दौरान शुक्रवार को जामा मस्जिद (Jama Masjid) के पास हुई हिंसा में आरोपी बनाए गए सभी 15 युवकों की जमानत तीस हजारी कोर्ट (Tis hazari) ने खारिज कर दी है। अदालत ने सभी 15 आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। हालांकि, आरोपियों के वकील बेल को लेकर सेशंस कोर्ट में भी अपील कर सकते हैं।
दिल्ली पुलिस ने कुल 15 आरोपियों को कोर्ट में पेश किया। पुलिस की ओर से इस हिंसा में कुल 16 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था. बीते शुक्रवार को प्रदर्शन के दौरान यहां हिंसा हुई थी।
कोर्ट में पुलिस की तरफ से कहा गया है कि अगर हम इन्हें गिरफ्तार ना करते तो सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचता, कुछ और लोगों को वीडियो से पहचाना जा रहा है। डीसीपी ऑफिस के बाद पत्थरबाजी की गई थी, वहां गाड़ियों को भी आग लगाई गई। इस पर जज ने पूछा कि क्या इन्हें पत्थरबाजी करते हुए देखा गया था।
शुक्रवार को जब नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहा था, तब यहां हिंसा हो गई थी। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने गाड़ियों में आग लगा दी थी और पुलिस पर पत्थरबाजी की थी। इसी दौरान पुलिस ने यहां 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इनके अलावा कुछ नाबालिगों को भी पुलिस ने हिरासत में लिया था, लेकिन बाद में उन्हें छोड़ दिया था।
दिल्ली वक्फ बोर्ड ने की है ये बड़ी घोषणा
नागरिकता संशोधन कानून और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजनशिप के विरोध-प्रदर्शन के दौरान मारे गए लोगों के लिए दिल्ली वक्फ बोर्ड (Delhi waqf board) ने बड़ी घोषणा की है। आम आदमी पार्टी के विधायक और बोर्ड के चेयरमैन अमानतुल्ला का कहना है कि हर एक मृतक के परिवार को वक्फ बोर्ड की ओर से 5-5 लाख रुपए की सहायता दी जाएगी। यह सहायता देश भर में मारे गए सभी धर्मों के मृतकों को दी जाएगी।