मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने बुधवार अयोध्या भ्रमण पर महर्षि वेद विज्ञान विद्यापीठ द्वारा आयोजित परिक्रमा मार्ग पर आयोजित चल रहे राष्ट्र की संवृद्वि, शांति एवं विकास हेतु श्री विष्णु सर अद्भुत शांति महायज्ञ के समापन कार्यक्रम में भाग लिया। यह यज्ञ विगत नवम्बर माह में शुरू किया गया था। मुख्यमंत्री ने आज इसका समापन पूर्णाहुति के साथ किया। इसका मुख्य उद्देश्य आम जनमानस में शांति, समृद्वि एवं विकास लाना है।
अयोध्या। मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने बुधवार अयोध्या भ्रमण पर महर्षि वेद विज्ञान विद्यापीठ द्वारा आयोजित परिक्रमा मार्ग पर आयोजित चल रहे राष्ट्र की संवृद्वि, शांति एवं विकास हेतु श्री विष्णु सर अद्भुत शांति महायज्ञ के समापन कार्यक्रम में भाग लिया। यह यज्ञ विगत नवम्बर माह में शुरू किया गया था। मुख्यमंत्री ने आज इसका समापन पूर्णाहुति के साथ किया। इसका मुख्य उद्देश्य आम जनमानस में शांति, समृद्वि एवं विकास लाना है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने लोगों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि, अयोध्या में भगवान विष्णु के नाम पर यज्ञ का आयोजन करना तथा इसको भगवान राम को समर्पित करना अपने आप में गौरव का विषय है।
यह यज्ञ पूर्ण रूप से वेद विज्ञान पर आधारित है। इसके संस्थापक महंत महेश योगी जी एक उच्च कोटि के संत एवं साधक थें। 50 के दशक में तत्कालीन जगतगुरू से दीक्षा लेकर इन्होंने पूरे हिमालय सहित उत्तर दक्षिण के राज्यों केरल, कन्याकुमारी आदि का भ्रमण किया। भ्रमण करने के पश्चात हमारे वैदिक कालीन महता को विश्व में विशेषकर यूरोपियन, अफ्रीकन, अमेरिकन देशों में जाकर प्रचार प्रसार किया तथा विश्व में भारती संस्कृति एवं वेद की महत्ता को उजागर किया। महर्षि योगी जी के विदेशों में लाखों अनुयायी है।
हमें भी इनसे मिलने का 1996 में मौका मिला था। इनको मैं उच्च कोटि का संत एवं विचारक के रूप में नमन करता हूं। इनके द्वारा स्थापित किये गये महर्षि वेद विज्ञान विद्यापीठ, विश्वविद्यालय तकनीकी संस्थान अनेको कार्य कर रही है तथा इससे लाखों में वेद पाठी, विद्वान तैयार हो रहे है। यह एक आधुनिक भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण कड़ी है। राम जन्मभूमि, अयोध्या एवं उनकी यह भूमि सूर्यवंशी राजाओं की रही है।
भगवान सूर्य की हमेशा पोषक देवता एवं भरण पोषण करने वाले विष्णु के रूप में की जाती रही है। भगवान विष्णु के ही अवतार भगवान राम थे। भगवान विष्णु अपने आप में पूर्ण ब्रहम तथा राम विग्रहवान धर्मह अर्थात राम का विग्रहहीन एवं राम का नाम ही पूर्ण धर्म है। प्रभु राम जी का जीवन और रामायण हमारे जीवन में सामाजिकता के साथ-साथ अर्थ, धर्म, काम, मोक्ष देने वाला है। भगवान राम एवं विष्णु की पूजा से हमे सर्व प्राप्त होता है तथा दैहिक पारलौकिक सभी सुख स्वतः ही प्राप्त हो जाते है।
मुख्यमंत्री ने इस कार्यक्रम में पधारे हुये अयोध्या के संतों, श्रद्वालुओं आदि को भी नमन करते हुये कहा कि यह बड़े सौभाग्य का विषय है कि हमारे प्रधानमंत्री जी के सक्षम नेतृत्व में श्रीराम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो गया है, इसको लोग असम्भव मानते थे। अयोध्या में हमने 2017 में दीपोत्सव शुरू किया था उस दीपोत्सव में लगातार इस वर्ष पांचवे दीपोत्सव के आयोजन में वृद्वि हुई तथा अपने आप में एक रिकार्ड बना है।