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तीन गोल्ड मेडल जीतने वाली दीपिका का अर्जून की तरह है अचूक निशाना

हमने महाभारत के कहानियों में अर्जून जैसे धनुर्धर का नाम बहुत सुना है। जिनका निशाना अचूक माना जाता था। अर्जून जब छोटे थे और उनके गुरु द्रोण ने जब उन्हें चिड़िया की आंख पर निशाना लगाने का निर्देश देते हुए पूछा कि, अर्जून तुम्हे क्या दिख रहा है तब उन्होंने कहा कि मुझे सिर्फ चिड़िया की आंख दिख रही है। ऐसे धनुर्धर थे अर्जून जिन्हें अच्छे से पता था कि मेरा लक्ष्य क्या है। उन्हें कुछ और उस दौरान दिखा ही नहीं।

By प्रिन्स राज 
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नई दिल्ली। हमने महाभारत के कहानियों में अर्जून जैसे धनुर्धर का नाम बहुत सुना है। जिनका निशाना अचूक माना जाता था। अर्जून जब छोटे थे और उनके गुरु द्रोण ने जब उन्हें चिड़िया की आंख पर निशाना लगाने का निर्देश देते हुए पूछा कि, अर्जून तुम्हे क्या दिख रहा है तब उन्होंने कहा कि मुझे सिर्फ चिड़िया की आंख दिख रही है। ऐसे धनुर्धर थे अर्जून जिन्हें अच्छे से पता था कि मेरा लक्ष्य क्या है। उन्हें कुछ और उस दौरान दिखा ही नहीं।

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ठीक उसी प्रकार अपने लक्ष्य को साधा है भारतीय तीरंदाज दीपिका कुमारी ने। जिन्होंने पेरिस में चल रहे आर्चरी विश्व कप स्टेज 3 टूर्नामेंट में 3 गोल्ड मैडल दिला पूरे भारत को गौरान्वित होने का मौका दिया है। दीपिका दुनिया की सर्वश्रेष्ठ महिला तीरंदाजों में से एक हैं। दीपिका कुमारी ने अब तक कई अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। भारतीय महिला तीरंदाज दीपिका कुमारी ने अपने नाम कई अंतर्राष्ट्रीय मैडल अपने नाम किए हैं।

इन्होंने अपने जीवन में कई सम्मान प्राप्त किए हैं। 2016 में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दीपिका कुमारी को पद्मश्री अवॉर्ड से सम्मानित किया था। यह सम्मान पाने वाली सबसे कम उम्र की खिलाड़ी हैं। दीपिका कुमारी ने एक दिन में तीन स्वर्ण पदक दिलाए। दीपिका ने अपने पति अतनु दास के साथ मिलकर पहली बार पति – पत्नी के रूप में किसी इवेंट का फाइनल जीता है। दीपिका कुमारी का जन्म झारखण्ड की राजधानी रांची में 13 जून 1994 में हुआ था।

दीपिका के पिता उस समय ऑटो चलाते थे और इनकी मां मेडिकल कॉलेज में नर्स रह चुकी हैं। यह बड़े ही सामान्य परिवार में जन्मी थी। इन्हें बचपन से निशाना लगाना पसंद था। यह आम पेड़ पर लटके आमों को पत्थर से मारकर गिराने में काफी मजा आता था। बचपन से ही पूत के पांव पालने में दिख गये थे।

 

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