नई दिल्ली। दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने मंगलवार को एक आदेश में पूर्व केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर द्वारा दायर मानहानि के मामले में पत्रकार प्रिया रमानी को 25 फरवरी को उसके समक्ष उपस्थित होने को निर्देश दिया। रमानी ने अकबर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था जिसके बाद एम जे अकबर ने रमानी के खिलाफ केस दाखिल किया था।
अकबर की वकील गीता लूथरा व वकील संदीप कपूर ने अदालत से कहा कि रमानी ने अकबर की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया है, जिसे बनाने के लिए उन्होंने वर्षो तक कड़ी मेहनत की थी। रमानी उन महिला पत्रकारों की लंबी सूची में पहली हैं, जिन्होंने विदेश राज्य मंत्री व पत्रकार से राजनेता बने अकबर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। अकबर अब भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं।
दो साल तक की सजा का प्रावधान
एमजे अकबर ने पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ पिछले साल पटियाला हाउस कोर्ट में आपराधिक मानहानि की शिकायत दायर की थी। उन्होंने मानहानि से जुड़ी आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत प्रिया पर कार्रवाई की मांग की है। इसमें दोषी को दो साल तक की सजा का प्रावधान है।
शिकायत में कहा गया है कि यौन शोषण के आरोपों से न केवल अकबर की बदनामी हुई है, बल्कि वर्षों की मेहनत से स्थापित सामाजिक और राजनीतिक प्रतिष्ठा को भी ठेस पहुंची है।
सच ही मेरा इकलौता बचाव: प्रिया रमानी
प्रिया रमानी ने ट्विटर पर अपना बयान पोस्ट कर कहा कि कई महिलाओं ने अपनी निजी और पेशेवर जिंदगी को जोखिम में डालकर अकबर के खिलाफ आवाज उठाई है। प्रिया ने कहा कि मानहानि के आरोपों के खिलाफ लड़ने के लिए वह तैयार हैं, क्योंकि सच और सिर्फ सच ही उनका इकलौता बचाव है।
प्रिया का कहना है कि उनके आरोपों को राजनीतिक साजिश से जोड़ना दुखद है। लेकिन मेरे खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस दायर कर उन्होंने अपना स्टैंड स्पष्ट कर दिया। वह डराकर और प्रताड़ित करके महिलाओं को चुप करवाना चाहते हैं।