नई दिल्ली। कोरोना वायरस प्रकोप की रोकथाम के मद्देनजर दिल्ली-एनसीआर की सीमाएं सील होने के कारण यहां से आवागमन करने वाले लोगों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। इसी मामले से जुड़ी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली की सीमाओं पर जारी गतिरोध को समाप्त करने के लिए गुरुवार को केंद्र सरकार से दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के अधिकारियों के एक बैठक बुलाने का निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को तीनो प्रदेशो के बीच अंतर-राज्य परिवहन की अनुमति देने के संबंध में आम सहमति बनाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि इस संबंध में एक सप्ताह के भीतर निर्णय लिया जाए।
जानकारी के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश गुरुग्राम निवासी रोहित भल्ला नामक एक याचिकाकर्ता द्वारा उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकारों द्वारा दिल्ली के साथ सटी सीमाओं को सील करने को चुनौती देने के बाद आया। भल्ला ने इस कदम को असंवैधानिक बताया था क्योंकि इसने अनुच्छेद 19 के तहत यात्रा करने के अधिकार को प्रभावित किया। उन्होंने ध्यान दिलाया था कि बीमार लोगों को मिलने के लिए दिल्ली जाने की इच्छा रखने वाले लोगों के लिए यह बहुत भ्रम और कठिनाइयों का कारण है।
इसके एक दिन बाद गुरुग्राम पुलिस ने बुधवार को राजधानी दिल्ली के 11 बॉर्डर क्रॉसिंग प्वॉइंट पर लगे बैरिकेड हटा दिए और कहा कि यात्री अब बिना किसी प्रतिबंध के दोनों शहरों के बीच यात्रा कर सकते हैं।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस प्रकोप की रोकथाम के मद्देनजर दिल्ली-एनसीआर की सीमाएं सील कर दी गयी थी जिसकी वजह से आवागमन करने वाले लोगों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। इन सीमाओं को पार कर अपने काम पर जाने वालों को घंटों जाम में फंसे रहना पड़ता है। हालांकि, आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोगों को पहचान पत्र और वैध ई-पास दिखाने पर आवागमन की अनुमति दी गई है, लेकिन बॉर्डर पर लगने वाले जाम के कारण उनका काफी समय बर्बाद हो रहा है।
दिल्ली से सटी सभी हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सीमाओं पर दिनभर यही नजारा रहता है। लोग पुलिस से प्रवेश नहीं करने के कारणों को लेकर सवाल करते देखे जा सकते हैं।