नई दिल्ली। बीते रविवार से देश की राजधानी में नागरिकता कानून के नाम पर फैली हिंसा पर आखिरकार केन्द्र सरकार व पुलिस ने शुक्रवार को काबू पा लिया। शुक्रवार को जुम्मे की नमाज थी इसके बावजूद कोई भी हिंसात्मक घटना नही सुनाई दी। अब पुलिस और सरकार सोशल मीडिया पर नजरे बनाये हुए है। वहीं अभी तक दिल्ली हिंसा में 41 लोगों की मौत हो चुकी है।
आपको बता दें कि केन्द्र सरकार ने बीते मंगलवार को ही हिंसा रोकने की कमान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को सौंप दी थी। साजिश को कुचलने के लिए दिल्ली पुलिस और पैरा मिलिट्री फोर्स के जवानों ने शुक्रवार रात भर हिंसा ग्रस्त इलाको में गश्त किया। मौजपुर, करावल नगर, भजनपुरा, सीलमपुर और जाफराबाद जैसे इलाकों में पुलिस की भारी बंदोबश्त है। पुलिस लोगों से सावधानी बरतने की बात कह रही है और अफवाहों से दूर रहने की अपील कर रही है।
कई दिनो तक चली हिंसा के बाद आहिस्ता-आहिस्ता लोगों ने कदम आगे बढ़ाना शुरू किया है। दुकानें खुलने लगी हैं, गाड़ियां सड़कों पर दिखने लगी हैं। बाजार में चहल-पहल नजर आ रही है। दिल्ली पुलिस व सरकार का कहना है कि सोशल मीडिया पर नफरत से भरी बातें फैलाई जा रही है। अगर किसी को ऐसी कोई सामग्री मिलती है तो उसे दिल्ली सरकार में तुरंत शिकायत दर्ज करानी चाहिए। दिल्ली सरकार इसके लिए एक व्हाट्सएप नंबर जारी करने जा ही है। दिल्ली सरकार के सूत्रों के मुताबिक ऐसे शिकायतों की समीक्षा के बाद अगर उन्हें सही पाया गया तो आगे की कार्रवाई के लिए इसे पुलिस के पास फॉर्रवर्ड कर दिया जाएगा।
दिल्ली में सबसे ज्यादा माहौल जाफराबाद और मौजपुर में खराब हुआ था। लेकिन अब सड़क पर ट्रैफिक सामान्य नजर आ रहा है। ई-रिक्शा तो चल रहे हैं लेकिन दुकानें अभी भी बंद हैं। स्थानीय लोगों को इससे परेशानी हो रही है। इन्हें दूध, ब्रेड और अंडों की जरूरत है। लोगों ने मांग की है कि दवा की दुकानें भी खुलनी चाहिए। हालांकि सड़कों पर लोग बाहर निकल रहे हैं। इन इलाकों भारी पुलिस बल तैनात है। वहीं भजनपुरा में भी स्थिति सामान्य हो रही है। भजनपुरा ही ऐसा इलाका था जहां पर पेट्रोल पंप को जला दिया गया था। अभी भी भजनपुरा में ऑफिस नहीं खुले हैं लेकिन सड़कों पर गाड़ियों की आवाजाही हो रही है। वहीं मौजपुर में भी ट्रैफिक मूवमेंट लगभग सामान्य नजर आ रहा है।