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Dhanteras 2021: पृथ्वीलोक के समस्त धन संपदा का एकमात्र स्वामी कुबेर देव को बनाया गया है, जानिए प्रसन्न करने का मंत्र

धन के देवता कुबेर कहे जाते हैं। कुबेर देव देवताओं के कोषाध्यक्ष भी है। कुबेर धन के अधिपति यानि धन के राजा हैं। पृथ्वीलोक की समस्त धन संपदा का एकमात्र उन्हें ही स्वामी बनाया गया है।

By अनूप कुमार 
Updated Date

Dhanteras 2021: धन के देवता कुबेर कहे जाते हैं। कुबेर देव देवताओं के कोषाध्यक्ष भी है। कुबेर धन के अधिपति यानि धन के राजा हैं। पृथ्वीलोक की समस्त धन संपदा का एकमात्र उन्हें ही स्वामी बनाया गया है। कुबेरदेव को यक्षों का राजा माना जाता है और उनके राज्य की राजधानी अलकापुरी है। कैलाश के समीप इनकी अलकापुरी है। श्वेतवर्ण, तुन्दिल शरीर, अष्टदन्त एवं तीन चरणों वाले, गदाधारी कुबेर अपनी सत्तर योजन विस्तीर्ण वैश्रवणी सभा में विराजते हैं। देवताओं के कोषाध्यक्ष कुबेर को पूजने से भी पैसों से जुड़ी तमाम समस्याएं दूर रहती हैं।

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कुबेर भगवान शिव के परमप्रिय सेवक भी हैं। धनतेरस और दीपावली पर माता लक्ष्मी और श्रीगणेश के साथ इनकी भी पूजा होती है। कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा को इनकी विशेष पूजा की जाती है। समृद्धि देने की मान्यता वाला ये पर्व इस साल 2 नवंबर 2021 को मनाया जाएगा। धन के अधिपति होने के कारण मंत्र साधना द्वारा प्रसन्न करने का विधान बताया गया है।

कुबेर मंत्र को दक्षिण की ओर मुख करके ही सिद्ध किया जाता है।

कुबेर देव का मंत्र
मन्त्र :- ॐ श्रीं, ॐ ह्रीं श्रीं, ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय: नम

‘यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन-धान्य अधिपतये
धन-धान्य समृद्धि में देहि दापय स्वाहा।’

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