आगरा। आगरा में सूटकेस पर सोए मासूम बच्चे को खींच रही उसकी मजबूर मां की वायरल हुई तस्वीर पर जिलाधिकारी (डीएम) प्रभु नारायण सिंह का संवेदनहीन बयान सामने आया है. उन्होंने सूटकेस पर लेटे मासूम बच्चे की तस्वीर की तुलना अपने बचपन से की है. आगरा के डीएम ने कहा कि बचपन में हम सब भी इस तरह करते थे. उन्होंने कहा कि श्रमिकों को रोककर उन्हें ठहराया जाता है. इसके बाद घर भेजने का इंतजाम किया जाता है. लगातार अपील भी की जा रही है कि लोग पैदल ना चलें.
बच्चे को सूटकेस पर लिटा कर खींच रही थी मां
दरअसल बुधवार को आगरा (Agra) के एमजी रोड पर श्रमिकों के पलायन की एक दुखद तस्वीर सामने आई थी. वायरल हुई इस तस्वीर में एक मां अपने छोटे बच्चे को सूटकेस पर लिटाकर पैदल चल रही है. जल्द ही यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.
वायरल वीडियो में एक बच्चा पहिए वाले सूटकेस (ट्रॉली) पर सोया हुआ है और मां रस्सी के सहारे उसे खींचते हुए आगे बढ़ रही है. इस दौरान वीडियो बनाने वाला शख्स महिला से पूछता है कि वो कहां जा रही है. महिला जवाब देती है कि उसे झांसी जिले के महोबा जाना है. बताया जा रहा है कि मजदूरों का यह दल पंजाब से ही पैदल ही महोबा के लिए निकला है. इस दल में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं.
समाजवादी पार्टी ने आगरा के डीएम के इस बयान पर आपत्ति जताई है. पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर सरकार को अहंकारी और डीएम के बयान को बेबस मां की लाचारी का मजाक उड़ाना करार दिया गया है. ट्वीट में लिखा गया है, ‘पहले तो अपने कुशासन और कुव्यवस्था से जीते जागते शहर आगरा को कोरोना की पहचान बना दिया. यही नहीं रुके अहंकारी सरकार के नौकरशाह एक बेबस मां की लाचारी का भी मजाक उड़ा दिया. असंवेदनशील बयान पर हो सख्त कार्रवाई.’