नई दिल्ली। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और ऐरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी ने गोवा में तट आधारित परीक्षण सुविधा में हल्के लड़ाकू एयरक्राफ्ट (LCA) तेजस (नौसेना) की पहली बार लैंडिंग को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। नौसेना में शामिल किए जाने की दिशा में यह बड़ी कामयाबी मानी जा रही है। इस विमान की बहुत ही कम दूरी में रुकने की क्षमता एक प्रमुख विशेषता है, जहां उतरने के लिए बहुत कम जगह हो।
भारत में बने हल्के लड़ाकू एयरक्राफ्ट (LCA) का नौसैनिक संस्करण, तेजस भारत में पहला विमान है जो सफलतापूर्वक लैंडिंग करने के लिए तैयार किया गया है। इसे नौसेना की सेवा के लिए जेट के रूप में तैयार किया गया है। फुर्तीले बहुउद्देश्यीय फाइटर जेट ने परीक्षण के लिए उतरने के बाद एक तार को तेजी से रोकने के लिए अपने धड़ लगाए गए एक हुक का इस्तेमाल किया गया।
तेजस की क्षमता से सशक्त होगी सेना
हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के बनाए स्वदेशी जेट विमान एलसीए तेजस को जल्द ही एयर शो में फाइनल ऑपरेशन क्लीयरेंस (एफओसी) देकर वायुसेना में शामिल किया गया था। एफओसी मिलने के अर्थ है कि युद्धक विमान मिसाइल क्षमता में स्तरीय है। हवा में ही एक विमान से दूसरे विमान में ईंधन भर लेने में सक्षम है। हवा से जमीन पर सटीक वार कर सकता है।