1. हिन्दी समाचार
  2. एस्ट्रोलोजी
  3. द्विजप्रिय संकष्टी गणेश चतुर्थी 2022: जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि आदि

द्विजप्रिय संकष्टी गणेश चतुर्थी 2022: जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि आदि

चतुर्थी तिथि जो फाल्गुन के महीने या माघ में आती है, द्विजप्रिय संकष्टी गणेश चतुर्थी कहलाती है।

By प्रीति कुमारी 
Updated Date

द्विजप्रिय संकष्टी गणेश चतुर्थी भगवान गणेश को समर्पित है और हर महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है। पूरे दिन व्रत रखने के बाद शाम को चंद्रमा के उदय होने पर और शनिवार (19 फरवरी) को होने वाली चतुर्थी तिथि को अर्घ देकर व्रत तोड़ा जाता है। इसलिए संकष्टी गणेश चतुर्थी का व्रत शनिवार के दिन रखा जाएगा फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है।

पढ़ें :- Vastu Tips : घर से बाहर निकाल दें ये चीजें, घर में बढ़ेगी सुख समृद्धि

संकष्टी गणेश चतुर्थी का शुभ मुहूर्त 2022

चतुर्थी प्रारंभ समय- 19 फरवरी रात 9 बजकर 57 मिनट

चतुर्थी समाप्त होने का समय- 20 फरवरी रात 9:05 बजे

चंद्रोदय- 19 फरवरी रात 8.24 बजे

पढ़ें :- Vallabhacharya Jayanti 2024 : श्री वल्लभाचार्य जयंती के दिन करें भगवान श्री कृष्ण  की पूजा , बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है

संकष्टी गणेश चतुर्थी की पूजा/उपवास विधि 2022

ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सारे काम हो जाने के बाद स्नान करें। इसके बाद गणपति का ध्यान करते हुए किसी खम्भे पर एक साफ पीला कपड़ा बिछाकर भगवान गणेश की मूर्ति को रख दें। अब गंगाजल छिड़क कर पूरी जगह को सेनेटाइज कर लें। इसके बाद गणपति को पुष्पों की सहायता से जल चढ़ाएं। इसके बाद रोली, अक्षत और चांदी का वर्क लगाएं। अब पान में लाल रंग के फूल, जनेऊ, सिल, सुपारी, लौंग, इलायची चढ़ाएं.

इसके बाद नारियल और भोग में मोदक का भोग लगाएं। गणेश जी को दक्षिणा अर्पित करें और उन्हें 21 लड्डू अर्पित करें। सभी सामग्री चढ़ाने के बाद अगरबत्ती, दीपक और अगरबत्ती से भगवान गणेश की पूजा करें। इसके बाद इस मंत्र का जाप करें।

अक्रतुंडा महाकाय सूर्य कोटि समाप्रभा |

शाम को चंद्रमा निकलने से पहले गणपति की पूजा करें और संकष्टी व्रत कथा का पाठ करें। पूजा समाप्त होने के बाद प्रसाद बांटें। रात में चांद देखकर व्रत तोड़ा जाता है और इस तरह संकष्टी चतुर्थी का व्रत पूरा होता है

पढ़ें :- Vaishakh Vrat Tyohar 2024 : आज से पवित्र माह वैशाख शुरू , जल दान के लिए अत्यन्त फलदायी माना गया है

Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...