1. हिन्दी समाचार
  2. दिल्ली
  3. दिल्ली-NCR में महसूस किए गए भूकंप के तेज झटके, रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.7 रही

दिल्ली-NCR में महसूस किए गए भूकंप के तेज झटके, रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.7 रही

दिल्ली-NCR में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.7 रही. जानकारी के मुताबिक इस भूकंप का केंद्र तुर्कमेनिस्तान, भारत, कजाकिस्तान, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान, उजबेकिस्तान, चीन, अफगानिस्तान और किर्गिस्तान रहा.

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली : दिल्ली-NCR में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.7 रही. जानकारी के मुताबिक इस भूकंप का केंद्र तुर्कमेनिस्तान, भारत, कजाकिस्तान, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान, उजबेकिस्तान, चीन, अफगानिस्तान और किर्गिस्तान रहा. सीस्मोलॉजी विभाग के मुताबिक रात 10:17 बजे कालाफगन, अफगानिस्तान से 90 किमी की दूरी पर यह झटके महसूस किए गए.

पढ़ें :- Earthquake : अफगानिस्तान और यूरोपीय देशों की धरती भूकंप के झटकों से कांपी, इतनी रही तीव्रता

दिल्ली-एनसीआर में एक बार फिर भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। पूरे उत्तर भरत में भी इस भूकंप का असर देखने को मिला है, लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। नेशनल सेंटर फॉर सिसमोलॉजी (NCS) के अनुसार, इस भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान था। रेक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.5 आकी गई है।

झटके इतने तेज थे कि लोग घबराकर अपने-अपने घरों से बाहर निकल आए। भूकंप के झटके दिल्ली समेत उत्तराखंड, पंजाब में भी महसूस किए। हर जगह अफरा-तफरी का माहौल रहा। दो से तीन बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। हालांकि भूकंप से किसी तरह के नुकसान की सूचना नहीं है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान के इस्लामाबाद में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए।

कैसे आता है भूकंप?
भूकंप के आने की मुख्य वजह धरती के अंदर प्लेटों का टकरना है। धरती के भीतर सात प्लेट्स होती हैं जो लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेटें किसी जगह पर आपस में टकराती हैं, तो वहां फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है और सतह के कोने मुड़ जाते हैं। सतह के कोने मुड़ने की वजह से वहां दबाव बनता है और प्लेट्स टूटने लगती हैं। इन प्लेट्स के टूटने से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है, जिसकी वजह से धरती हिलती है और हम इसे भूकंप मानते हैं।

भूकंप की तीव्रता 
रिक्टर स्केल पर 2.0 से कम तीव्रता वाले भूकंप को माइक्रो कैटेगरी में रखा जाता है और यह भूकंप महसूस नहीं किए जाते। रिक्टर स्केल पर माइक्रो कैटेगरी के 8,000 भूकंप दुनियाभर में रोजाना दर्ज किए जाते हैं। इसी तरह 2.0 से 2.9 तीव्रता वाले भूकंप को माइनर कैटेगरी में रखा जाता है। ऐसे 1,000 भूकंप प्रतिदिन आते हैं इसे भी सामान्य तौर पर हम महसूस नहीं करते। वेरी लाइट कैटेगरी के भूकंप 3.0 से 3.9 तीव्रता वाले होते हैं, जो एक साल में 49,000 बार दर्ज किए जाते हैं। इन्हें महसूस तो किया जाता है लेकिन शायद ही इनसे कोई नुकसान पहुंचता है।
लाइट कैटेगरी के भूकंप 4.0 से 4.9 तीव्रता वाले होते हैं जो पूरी दुनिया में एक साल में करीब 6,200 बार रिक्टर स्केल पर दर्ज किए जाते हैं। इन झटकों को महसूस किया जाता है और इनसे घर के सामान हिलते नजर आते हैं। हालांकि इनसे न के बराबर ही नुकसान होता है।

इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...