श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में वीरवार को साल के पहले मुठभेड़ में हिजबुल मुजाहिदीन के तीन आतंकी मार गिराए गए। सुरक्षाबलों को आशंका थी कि पीछे के इलाकों में दो से तीन और आतंकी छिपे हो सकते हैं। इस ऑपरेशन में 4 जवान घायल हुए। इस दौरान आतंकी ठिकाना भी तबाह हो गया।
सेना के एक अधिकारी ने बताया कि सुरक्षाबलों ने जंगलों में कम से कम दो आतंकवादियों के छिपे होने की सूचना पर त्राल के पहाड़ी इलाकों में आतंकवाद रोधी अभियान शुरू किया। अधिकारी ने बताया कि जंगल में छिपे आतंकवादियों ने सुरक्षाबलों पर गोलीबारी शुरू कर दी जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई। अधिकारी ने बताया, ‘अभियान में तीन आतंकवादियों को मार गिराया गया जबकि एक सैनिक घायल हो गया.’ उन्होंने बताया कि आगे की जानकारी की प्रतीक्षा की जा रही है। मारे गये आतंकवादियों की पहचान की जा रही है और वह किस आतंकवादी संगठन से जुड़े थे इसकी जानकारी जुटायी जा रही है।
मुठभेड़ के दौरान आतंकियों को बचाने के लिए हिंसक हुए आतंकी समर्थक तत्वों व सुरक्षाकर्मियों के बीच हिंसक झड़पों में 11 लोग जख्मी हो गए। हिंसा पर काबू पाने के लिए सुरक्षाबलों को हवाई फायरिंग का भी सहारा लेना पड़ा। इनमें से छह पैलेट गन से घायल बताए जा रहे हैं। हालात को देखते हुए प्रशासन ने त्राल, अवंतीपोरा और पुलवामा के विभिन्न हिस्सों में निषेधाज्ञा लागू करने के साथ ही, मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को भी अगले आदेश तक बंद कर दिया है। वर्ष 2019 में सुरक्षाबलों व आतंकियों के बीच यह पहली मुठभेड़ है।
कश्मीर में पिछले वर्ष 276 आतंकियों के मारे गए हैं। पिछले एक दशक में आतंकियों को ढेर किए जाने का ये सबसे बड़ा आंकड़ा है। इस अभियान के कारण घाटी में आतंक की जड़ें काफी कमजोर हुई हैं। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक कश्मीर घाटी में अब भी 230 आतंकी सक्रिय है और दक्षिण से लेकर उत्तरी कश्मीर के विभिन्न इलाकों में छुपाए है।