Gorakhpur
सुबह 8:00 बजे का नजारा अगर आप देखेंगे तो हैरत में पड़ जाएंगे। सड़कों पर आवागमन खुलेआम आना जाना। और गाड़ियों की चहलकदमी के साथ आप देखेंगे तो हैरत में पड़ जाएंगे क्या इसे लाक डाउन कहते हैं
गीता वाटिका के बाद जब हम अली नगर चौराहे की तरफ गए तो वहां पुलिस वाले बैठे हुए मिले और जैसे ही कैमरे पर उनकी नजर पड़ती है। वह हरकत में आ जाते हैं। लोगों के ऊपर लाठियों से डराने का प्रयास कर रहे हैं।
आइए एक तरफ हम राशन की दुकानों पर ले चलते हैं जहां आप देख सकते कि लाख डाउन का कोई मतलब नहीं है। खुलेआम एक दूसरे से चिपके हुए लोग जब कैमरे को देखते हैं। तो दुकानदार खड़ा होकर उन्हें हटाने की कोशिश कर रहा है।
ठेले वालों को घूमकर सब्जियां बेचनी है लेकिन वह एक जगह खड़े मिले और सभी ठेले वालों का यही हाल रहा।
उसके बाद हम धर्मशाला बाजार पहुंचे। वहां भी वही हाल था कैमरे की निगाह पड़ते पुलिस वाले हरकत में आ गए। लगता है लोगों के अंदर करो ना क्यों नहीं है और ना ही लग डाउन का मतलब इन्हें पता है। और जहां कैमरा घूम रहा है वही पुलिस वालों को भी पता चल रहा है और वही पब्लिक को भी की लाक डाउन है। वरना बेखौफ सड़कों पर नजर आ रहे लोग।रिपोर्टर…. रवि प्रकाश जायसवाल