नई दिल्ली। पिछले कई महीनो से भारत और चीन के बीच सीमा बार्डर पर तनाव चल रहा है, हालांकि दोनो देशों के बीच बातचीत जारी थी लेकिन मंगलवार को चीन बॉर्डर पर दोनो सेनाओ के बीच हुई झड़प के दौरान भारत के तीन जवान शहीद हो गए हैं. इस मामले को लेकर अब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूरे हालात की जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दी है.
लद्दाख में सीमा पर चीन के साथ चल रहे तनाव के बीच चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ जनरल बिपिन रावत, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मिलने उनके आवास पहु्ंचे हैं. जनरल रावत से पहले सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे भी रक्षा मंत्री के आवास पहुंचे.
वहीं एलएसी पर हुई हिंसक झड़प को लेकर पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल विक्रम सिंह ने कहा है कि झूठ बोलना चीन के डीएनए में है. चीन पर भरोसा नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस मुद्दा का समाधान इतनी जल्दी नहीं होगा. जनरल सिंह ने कहा कि सेना ने एलएसी पर हर जगह सैनिकों की तैनाती कर दी है. सेना आंखों में आंखें डालकर बात कर रही है.
दूसरी तरफ पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने गलवान से आ रही रिपोर्ट को परेशान करने वाला बताया है. उन्होंने सवाल किया कि डे-एस्केलेशन की प्रक्रिया के दौरान हमारे सैनिकों ने जान क्यों गंवाई? राष्ट्र हित में प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री को चीन के साथ सीमा विवाद की स्पष्ट तस्वीर देश के सामने पेश करनी चाहिए.
जबकि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गलवान में हुई हिंसक झड़प में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी है. कैप्टन ने कहा कि दुख की इस घड़ी में देश आपके साथ खड़ा है. उन्होंने घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि चीन की ओर से लगातार की जा रही हरकतों के खिलाफ अब देश को खड़ा होना होगा. कैप्टन ने कहा कि अब आ गया है, जब भारत सरकार कड़े कदम उठाए. उन्होंने कहा कि हमारी ओर से कमजोरी का प्रत्येक संकेत चीन की प्रतिक्रिया को और लड़ाकू बनाएगा.
विपक्ष की ओर से लगातार मांग की जा रही है कि चीन के साथ स्थिति पर भारत सरकार को जवाब देना चाहिए. पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बाद अब राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भी सरकार से जवाब मांगा है.