लखनऊ। पूर्व कांग्रेस नेता फैसल खान लाला ने सोमवार को ज़िलाधिकारी आंजनेय कुमार सिंह से मुलाकत की और उनको एक शिकायती पत्र सौंपा। फैसल ने पत्र में लिखा कि पिछली समाजवादी पार्टी की सरकार में पूर्व मंत्री आज़म खां ने अपने घर से जौहर यूनिवर्सिटी तक जाने के लिए मात्र अपने इस्तेमाल को जंगल में लगभग 300 करोड़ की लागत से एक पुल बनवाया जिसकी लंबाई करीब 5 किलोमीटर है, जंगल मे पुल की कोई आवश्यकता नही होती है फिर भी जनता के टैक्स के पैसे से अर्जित सरकारी धन का बेहद दुरूपयोग किया गया है साथ ही पुल निर्माण को रास्ते मे आने वाले किसानों की ज़मीने भी ज़बरन हथिया ली गईं।
फैसल लाला ने कहा कि दूसरी तरफ लालपुर का पुल जोकि तहसील टांडा और दड़याल के लगभग पांच लाख लोगों को ज़िला मुख्यालय से जोड़ता है उसको आज तक नही बनाया गया जिसके कारण पांच लाख लोग अपनी जान को जोखिम में डालकर लकड़ी के पुल से होकर कोसी नदी को पार करते हैं तब वह मुख्यालय पहुंच पाते हैं ऐसे में जिस नदी पर पुल बनाना बेहद ज़रूरी था वहां पुल न बनाकर केवल आज़म खां के निजी इस्तेमाल के लिए उनके घर से जौहर यूनिवर्सिटी तक लगभग पांच किलोमीटर लम्बा पुल तीन करोड़ की लागत से बनाना जनता और सरकार के साथ बेईमानी और धोखा है।
फैसल लाला ने ज़िलाधिकारी से कहा कि जिन अधिकारियों की साँठ-गाँठ से आज़म खां ने जनता को धोका देकर लगभग तीन सौ करोड़ रूपये सरकारी धन का दुरूपयोग किया है उन अधिकारियों और आज़म खां के विरूद्ध जाँच कराकर क़ानूनी कार्रवाई की जाए। ज़िलाधिकारी आंजनेय कुमार सिंह ने मामले को गंभीरता से लेते हुए 9 सदस्य जांच टीम गठीत की है।