नई दिल्ली: महाराष्ट्र में एक कोरोना मरीज की मौत के बाद हड़कंप मच गया है. दरअसल, इस मरीज का इलाज प्लाज्मा थेरेपी के जरिए किया जा रहा था. लीलावती अस्पताल में इलाज के दौरान इंफेक्शन के कारण मरीज की मौत हो गई है. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कोविड-19 (Covid-19) रोगी पर इस उपचार पद्धति का प्रयोग सफल होने का दावा किया था. उन्होंने कहा था कि देश में कोरोना वायरस से सबसे अधिक प्रभावित हुए महाराष्ट्र में प्लाज्मा थेरेपी से कोविड-19 रोगी के इलाज का पहला प्रयोग सफल हो गया है.
लीलावती अस्पताल में चल रहा था इलाज
जिस 53 साल के व्यक्ति पर प्लाज्मा थेरेपी का पहला प्रयोग किया गया था उसका इलाज मुंबई के लीलावती अस्पताल में चल रहा था. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) से ट्रायल के लिए प्लाज्मा थेरपी की अनुमति मिलने के बाद इस मरीज को प्लाज्मा चढ़ाया गया था. रविशंकर ने बताया कि मरीज को 200ML प्लाज्मा चढ़ा दिया गया था. और प्लाज्मा देना था लेकिन स्थिति को बिगड़ता देख नहीं चढ़ाया गया.
लव अग्रवाल ने कहा था, थेरेपी को लेकर किए जा रहे दावे गलत
स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल (Lav Aggarwal) ने नियमित संवाददाता सम्मेलन में बताया था कि परीक्षण के दौर से गुजर रही प्लाजमा थैरेपी के बारे में अभी तक पुष्ट प्रमाण नहीं मिले हैं जिनके आधार पर यह दावा किया जा सके कि इस पद्धति से कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज किया जा सकता है. उन्होंने प्लाज्मा पद्धति से कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज को लेकर किये जा रहे दावों को गलत बताते हुये स्पष्ट किया कि इस तरह की किसी पद्धति को अभी मान्यता नहीं दी गयी है.
महाराष्ट्र में कोरोना वायरस संक्रमण के 583 नए मामले सामने आने के बाद यहां पर मरीजों की संख्या 10,000 के आंकड़े को पार कर गई है. राज्य में अब तक 432 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं देश में कोरोना से मरने वालों की संख्या 1,075 हो गई है जबकि कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 33,610 हो गई है.