नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान (India-Pakistan) के बीच 3,323 किमी लंबी सीमा (Border) पर बढ़ते तनाव के बीच भारतीय सेना (Indian Army) अपनी पहली खास टुकड़ी इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप (IBG) की मोर्चे पर तैनाती करने जा रही है। सेना प्रमुख जनरल बिपिन (General Bipin Rawat) रावत ने कहा कि भारत-पाक सीमा पर इस खास टुकड़ी की तैनाती साल के अंत तक कर दी जाएगी। जिसकी मंजूरी रक्षा मंत्रालय की ओर से मिल गयी है।
रक्षा मंत्रालय ने 9वीं वाहिनी के पुनर्गठन को दी मंजूरी
रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defence) ने हिमाचल प्रदेश के योल में स्थित 9वीं वाहिनी (IX Corps) का पुनर्गठन कर इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप बनाने और पश्चिमी सीमा पर तैनाती को मंजूरी दे दी है। यह सेना का सबसे बड़ा पुनर्गठन है, जिसके प्रस्तावक जनरल बिपिन रावत हैं। 9वीं कोर सेना की सबसे नई कोर है. 2009 में बनी 9वीं कोर हरियाणा की पश्चिमी आर्मी कमांड चंडीमंदिर का हिस्सा है।
दुश्मनों से निपटने के लिए आईबीजी होंगे काफी कारगर
आईबीजी का लक्ष्य सेना के विभिन्न प्रभागों को एक नए समूह में शमिल करना है। इसमें तोप, टैंक, वायु रक्षा और आधुनिक साजो-सामान शामिल होंगे। इसे जंग के लिए पूरी तरह से तैयार इकाई बनाए जाने की उम्मीद है। यह सेना के पुराने और पारंपरिक लड़ाई के तरीकों से अलग होगा। युद्ध जैसे हालात में दुश्मनों से निपटने के लिए इंटिग्रेटिड बैटल ग्रुप काफी कारगर होंगे। अमूमन पारंपरिक सेना कोर में तीन ब्रिगेड होती हैं। वहीं, आईबीजी इनसे छोटे होंगे।
33वीं वाहिनी का पांच आईबीजी के तौर पर किया जाएगा पुनर्गठन
33वीं वाहिनी (XXXIII Corps) को इस क्षेत्र में 1962 में तैनात किया गया था। इसमें ब्लैक कैट, कृपाण, स्ट्राइकिंग लॉयन डिविजन और आर्टिलरी डिविजन शामिल है। इसमें करीब 30,000 सैनिक हैं। उम्मीद की जा रही है कि 33वीं वाहिनी को पांच इंटीग्रेटेड बैटेल ग्रुप्स में पुनर्गठित किया जाएगा। हाल में तैयार पश्चिम बंगाल आधारित माउंटेन स्ट्राइक कोर या ब्रह्मास्त्र कोर भारत-चीन सीमा पर युद्धक भूमिका में है। इसका भी तीन आईबीजी में पुनर्गठन होगा।