नई दिल्ली। अमेरीका के प्रतिनिधि सभा ‘हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स’ की स्पीकर नैन्सी पलोसी ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया की शुरुआत करने की घोषणा की है। डेमोक्रेट्स ने औपचारिक तौर पर महाभियोग की प्रक्रिया शुरू कर दी है। वहीं, ट्रंप ने इन आरोपों से इनकार कर दिया है। आरोपों में कहा गया है कि उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदीमीर जेलेंस्की पर दबाव बनाया कि वो ट्रंप के डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंदी जो बाईडन और उनके बेटे के खिलाफ भ्रष्टाचार के दावों की जांच शुरू करें। पेलोसी ने कहा कि ट्रम्प ने अपने डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वी जो बाइडेन को नुकसान पहुंचाने के लिए विदेशी ताकतों का इस्तेमाल कर अपने पद की शपथ का उल्लंघन किया। पेलोसी ने कहा कि ट्रम्प के कार्यकाल की कार्रवाइयां राष्ट्रपति के उनके पद की शपथ के प्रति बेईमानी, हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा का उल्लंघन और हमारे चुनाव की अखंडता के साथ विश्वासघात को दर्शाती है।
उन्होंने कहा कि इसलिए, आज मैं घोषणा करती हूं कि ‘हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स’ महाभियोग की आधिकारिक प्रक्रिया शुरू कर रहा है। राष्ट्रपति चुनाव से 14 महीने पहले डेमोक्रेट के इस कदम ने अमेरिकी राजनीति में एक और खतरनाक अध्याय की शुरुआत कर दी है। संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन के बाद राष्ट्रपति ने डेमोक्रेट के इस कदम पर कहा कि विपक्ष उनके पीछे हाथ-धोकर पड़ा है। साथ ही उन्होंने दावा किया कि यह 2020 चुनाव में उनके दोबारा चुने जाने की संभावना ही बढ़ाएगा।
यह पूरा मामला
आपको बता दें कि पिछले हफ्ते खबर आईं थी कि अमरीका के खुफिया अधिकारियों ने सरकार के एक वॉचडॉग से शिकायत की थी कि ट्रंप ने एक विदेशी नेता से बातचीत की है। बाद में पता चला कि ये विदेशी नेता यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदीमीर जेलेंस्की हैं। इंडेलिजेंस इंस्पेक्टर जनरल ने व्हिस्ल ब्लोअर की शिकायत को तत्काल ध्यान में लेने योग्य और विश्वसनीय माना था, उस शिकायत की कॉपी की डेमोक्रेट्स ने संसद में मांग की थी, लेकिन व्हाइट हाउस और न्याय विभाग ने इसकी प्रति मुहैया कराने से इनकार कर दिया।
दोनों नेताओं के बीच क्या बात हुई थी, ये साफ नहीं है लेकिन डेमोक्रेट्स का आरोप है कि ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति पर बाईडन और उनके बेटे के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करने का दबाव बनाया और ऐसा ना करने पर यूक्रेन को दी जाने वाली सैन्य मदद रोकने की धमकी दी। हालांकि ट्रंप ने माना है कि उन्होंने जेलेंस्की से जो बाईडन के बारे में चर्चा की थी, लेकिन उन्होंने ये भी कहा कि उन्होंने सैन्य मदद रोकने की धमकी इसलिए दी ताकि यूरोप भी मदद के लिए आगे आए।