नई दिल्ली। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने केन्द्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि 15वें वित्त आयोग के विषय और शर्तों में बदलाव का जो सरकार का तरीका है वो ‘एकपक्षीय’ है, उन्होने कहा कि एकपक्षीय सोच संघीय नीति और सहकारी संघवाद के लिये अच्छी नही है। उन्होने कहा कि मोदी सरकार वित्त आयोग के विषय व शर्तों में अगर कोई बदलाव करना चाहती थी तो बेहतर होता कि राज्यों के मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन का समर्थन ले लिया जाता। उनका कहना था कि इससे अब देश में यही संदेश जाएगा कि धन के आवंटन के मामलों में केंद्र सरकार राज्यों के अधिकारों को हनन करना चाहती है।
पूर्व पीएम ने कहा कि आयोग की रिपोर्ट वित्त मंत्रालय जाती है फिर उसे मंत्रिमंडल को भेज दिया जाता है। राज्य की सरकारों की राय बहुत जरूरी होती है। उनका कहना था कि दक्षिण भारत के कुछ राज्य 15 वें वित्त् आयोग का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सहकारी संघवाद में एकरूपता बनाने की जरूरत है। केंद्र सरकार को चाहिये कि राज्यों की बात सुने और उन्हें साथ-साथ लेकर चले।