हिंदू पंचाग के अनुसार जून के चैथा सप्ताह खगोलीय और ज्योतिष की दृष्टि से अत्याधिक महत्वपूर्ण है। इस सप्ताह मंे ग्रह गोचर में बदलाव होगा। 20 से 24 जून के बीच तीन बड़ी ज्योतिषीय घटनाएं होने वाली हैं।
नई दिल्ली : हिंदू पंचाग के अनुसार जून के चैथा सप्ताह खगोलीय और ज्योतिष की दृष्टि से अत्याधिक महत्वपूर्ण है। इस सप्ताह में ग्रह गोचर में बदलाव होगा। 20 से 24 जून के बीच तीन बड़ी ज्योतिषीय घटनाएं होने वाली हैं। ज्योतिष विज्ञान के अनुसार, 20 से 24 जून के बीच चार ग्रहों की चाल में बदलाव होगा। इसके अलावा खगोलीय विज्ञान के अनुसार 21 जून, साल का सबसे बड़ा दिन रहेगा। इस दिन सूर्य कर्क रेखा पर आ जाएगा। जिससे कर्क रेखा के नजदीक जगहों पर दोपहर में कुछ देर के लिए परछाई नहीं दिखेगी।
20 जून
20 जून को बृहस्पति ग्रह कुंभ राशि में वक्री हो जाएंगे। इस दिन से टेढ़ी चाल चलने लगेगा। ज्योतिष के अनुसार वक्री गुरु ग्रह के कारण देश-दुनिया में राजनैतिक उथल-पुथल और बड़े बदलाव भी दिखेंगे। इस ग्रह की वजह से प्राकृतिक आपदाएं आने की आशंका भी है. बृहस्पति टेढ़ी चाल से चलते हुए 14 सितंबर को एक राशि पीछे यानी मकर में प्रवेश करेंगे. इसके बाद शनि-गुरु एक राशि में विराजमान हो जाएंगे. शनि-गुरु को एक साथ होन के कारण बीमारियों का संक्रमण बढ़ सकता है. इसके बाद 18 अक्टूबर को बृहस्पति सीधी चाल से चलने लगेगा. फिर 21 नवंबर को कुंभ राशि में आ जाएंगे
21 जून
सोमवार, 21 जून को सूर्य कर्क रेखा पर लंबवत यानी सीधा रहेगा। जिससे ये उत्तरी गोलार्द्ध में सबसे बड़ा दिन रहेगा और रात सबसे छोटी होगी। इस दिन कर्क रेखा के नजदीकी जगहों पर दोपहर में कुछ देर के लिए परछाई गायब हो जाएगी। इस खगोलीय घटना को ग्रीष्मकालीन संक्रांति जून संक्रांति कहा जाता है। इस दिन उत्तरी गोलार्द्ध के देशों यूके, यूएसए, कनाडा, रूस, भारत और चीन में गर्मी का समय होता है और ये साल का सबसे लंबा दिन होता है।
22 जून
पंचांग के अनुसार 22 जून 2021 मंगलवार को दोपहर 02 बजकर 07 मिनट पर शुक्र का राशि परिवर्तन होगा। मिथुन राशि में अपनी यात्रा को पूर्ण कर कर्क राशि में आ जाएंगे। जहां पर शुक्र 17 जुलाई 2021 तक रहेंगे. इसके बाद शुक्र का गोचर सिंह राशि में होगा।
23 जून
इस दिन बुध ग्रह वृषभ राशि में रहते हुए टेढ़ी चाल बदलकर सीधा चलने लगेगा।
24 जून
खगोलीय विद्वानों के अनुसार इस दिन सूर्य और चंद्रमा एक दूसरे के आमने-सामने यानी ठीक 180 डिग्री पर रहेंगा। हिंदू कैलेंडर में इस दिन ज्येष्ठ पूर्णिमा पर्व रहेगा। यह ज्येष्ठ महीने का आखिरी दिन होता है। इसके अगले दिन आषाढ़ महीने की शुरुआत हो जाएगी। इस दिन से वैवस्वत मन्वंतर की शुरुआत हुई थी। पुराणों के अनुसार, इस दिन किए गए दान का पुण्य कभी खत्म नहीं होता।