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Ganga Saptami 2022: वैशाख शुक्ल सप्तमी को मनायी जाती है गंगा सप्तमी, जानिए इसका महत्व

मां गंगा को पृथ्वी का अमृत कहा जाता है। पृथ्वी पर मां गंगा के अवतरण के लिए कठोर तप किया गया था। मां गंगा को मोछ दायिनी भी कहा जाता है।

By अनूप कुमार 
Updated Date

Ganga Saptami 2022: मां गंगा को पृथ्वी का अमृत कहा जाता है। पृथ्वी पर मां गंगा के अवतरण के लिए कठोर तप किया गया था। मां गंगा को मोछ दायिनी भी कहा जाता है। जप, तप,धार्मिक कर्मकांड, अनुष्ठान में गंगा जल का प्रयोग किया जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार,गंगा सप्तमी का संबंध पवित्र पावनी मां गंगा से है। इस दिन मां गंगा का अवतरण पृथ्वी पर हुआ है। भगीरथ ने भगवान शिव शंकर को अपने कठोर तप से प्रसन्न किया और उन्हें इस बात के लिए मनाया कि मां गंगा स्वर्ग लोक से पृथ्वी पर अवतरित होने से पूर्व उनकी जटाओं में उतरें, ताकि उनका वेग और भार कम हो सके।

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गंगा सप्तमी 2022 पूजा मुहूर्त
08 मई को गंगा सप्तमी की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 10 बजकर 57 मिनट से दोपहर 02 बजकर 38 मिनट तक है। यह मुहूर्त 02 घंटे 41 मिनट का रहेगा।

गंगा सप्तमी के अवसर पर गंगा नदी में स्नान किया जाता है ताकि पाप मिट जाएं और मृत्यु के उपरांत मोक्ष की प्राप्ति हो सके। इस दिन निर्बलों और असहायों को दान देने का बहुत फल मिलता है।

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