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Gauri Vrat 2022:मां गौरी करेंगी मनोकामनाओं की पूर्ति, इन मंत्रों से करें देवी पार्वती की पूजा

सनातन धर्म मां गौरी के पूजन का विधान है। मान्यता है कि मां गौरी के पूजन से मनोकामना की पूर्ती होती है। कुंवारी कन्याएं मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा करती हैं।

By अनूप कुमार 
Updated Date

Gauri Vrat 2022 : सनातन धर्म मां गौरी के पूजन का विधान है। मान्यता है कि मां गौरी के पूजन से मनोकामना की पूर्ती होती है। कुंवारी कन्याएं मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा करती हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मां गौरी के पूजन से जीवन में सुख समृद्धि का वरदान मिलता है। गौरी व्रत उत्तर भारत में कुंवारी कन्याओं के द्वारा रखा जाता है। कुंवारी कन्याएं सुयोग्य वर प्राप्ति के मां गौरी की पूजा करती है।

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गौरी व्रत प्रत्येक वर्ष आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन आरंभ किया जाता है और पूर्णिमा को संपन्न किया जाता है। इस बार गौरी व्रत 09 जुलाई, शनिवार से आरंभ होने वाला है। जिसका समापन 13 जुलाई को होगा।

मां गौरी के इस पूजा में मां को वस्त्र, सुहाग की सामग्री, 16 श्रृंगार, 16 चूडियां, 16 सूखे मेवे, नारियल, फल, इलायची, लौंग, सुपारी और मिठाई आदि अर्पित किया जाता है। श्रद्धानुसार घी या तेल का दीपक लगाएं, आरती करें। आरती के पश्चात् परिक्रमा करें। अब नेवैद्य अर्पित करें। देवी पार्वती पूजन के दौरन ’’ऊँ गौर्ये नमः’’ या ’’ऊँ पार्वत्यै नमः’’ इस मंत्र का जप करते रहें। इस दिन मां गौरी के साथ् शिव परिवार की भी पूजा करनी चाहिए।

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